NGT ने डीएमआरसी चीफ के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-01-04 04:26 GMT

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) ने मेट्रो रेल पटरियों के आसपास और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन से संबंधित मामले में दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।

यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली एक बेंच  ने  डीएमआरसी के  वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कुछ  स्थानों पर वर्षा जल संचयन की संभावनाओं के बारे में जानकारी ना देने के लिए ये जमानती वारंट जारी किए।

एनजीटी ने आदेश दिया,  "04-12-2017 के आदेश के अनुसार जरूरी होने के बावजूद डीएमआरसी की तरफ से कोई भी व्यक्ति  उपस्थित नहीं हुआ। नतीजतन, हमारी शक्तियों का प्रयोग और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 की धारा 1 9 (4) (ए) के प्रावधान के तहत हम डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक के खिलाफ  20,000 रुपये के बांड पर गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के लिए जमानती वारंट जारी करते हैं। "

दरअसल NGT 2013 में पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत टोंगाड द्वारा सरकारी और निजी एजेंसियों द्वारा वर्षा जल संचयन पर दाखिल एक मामले की सुनवाई कर रहा है।

NGT ने कई  क्षेत्रों में विभिन्न अस्पतालों आदि को शामिल करके इस योजना का विस्तार किया है और विभिन्न स्थानों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली के कामकाज का आकलन करने के लिए कमिश्नर नियुक्त किए थे।टोंगाड ने सुझाव दिया है कि डीएमआरसी के अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्र को वर्षा जल संचयन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

गौरतलब है कि 4 दिसंबर को NGT को सूचित किया गया था कि वहाँ कुछ ऐसे इलाके हैं जहां वर्षा जल संचयन प्रणाली संभव नहीं है जबकि अन्य में कुछ संभावना थी। एनजीटी ने तब आदेश दिया था, " इन परिस्थितियों में डीएमआरसी को यह बताने की जरूरत है कि ऐसे स्थानों में क्यों ये संभव है या नहीं।  डीएमआरसी की ओर से कोई भी मौजूद नहीं है और हम डीएमआरसी के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश देते हैं कि सुनवाई की अगली तारीख पर इस संबंध में जानकारी देने और ट्रिब्यूनल की सहायता करने के लिए उपस्थित रहें "। चूंकि डीएमआरसी से कोई भी अफसर NGT के सामने पेश नहीं हुआ इसलिए जमानती वारंट जारी करने का आदेश जारी किया गया।


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