J&K में हिंदुओं को भी मिले सरकारी योजनाओं का लाभ, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिए और 8 हफ्ते

Update: 2017-12-11 09:01 GMT

जम्मू कश्मीर में अल्पसंखक हिंदुओं को भी प्रधानमंत्री योजनाओं और सरकारी योजनाओं के तहत सुविधाएं देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार को जवाब देने के लिए आठ हफ्ते का और वक्त दे दिया है।

सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगवाई वाली बेंच के सामने केंद्र की ओर से AG के के वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र की कमेटी इस मामले में सब पहलुओं को देख रही है और इसकी रिपोर्ट आने में अभी वक्त लगेगा।

वहीं याचिकाकर्ता अंकुर शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में जानबूझकर देरी कर रही है।

लेकिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि कोर्ट कैसे विधायिका को ये आदेश जारी कर सकता है कि वो कैसे पॉलिसी मैटर में काम करे।

दरअसल पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट को बताया था इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के सचिव और जम्मू कश्मीर के चीफ सेकेट्री की अगवाई में ज्वाइंट कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी इस बारे में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।

इससे पहले याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। अंकुर शर्मा की याचिका में कहा गया है कि राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। इसके बावजूद राज्य में 68 फीसदी मुस्लिम लोगों को ही अल्पसंख्यक के तहत लाभ मिल रहें हैं जबकि सही में हिंदुओं को ये सुविधाएं मिलनी चाहिए।

याचिका में ये भी कहा गया है कि पिछले 50 साल से राज्य में अल्पसंख्यकों को लेकर कोई गणना नहीं हुई है और ना ही अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया है इसलिए अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक आयोग भी बनाया जाना चाहिए।

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