हदिया केस : शफीन जहां ने बिना रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज की देखरेख जांच करने पर NIA के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की [याचिका पढ़े]
केरल हाईकोर्ट के अखिला उर्फ हदिया के साथ शादी रद्द करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शफीन जहां ने अब बिना सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच करने पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल की है।
दरअसल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आरवी रविंद्रन की देखरेख में NIA जांच के आदेश दिए थे लेकिन निजी कारणों का हवाला देते हुए जस्टिस रविंद्रन ने जांच की देखरेख करने से इंकार कर दिया।
याचिका में कहा गया है कि जस्टिस रविंद्रन के जांच की देखरेख करने से इंकार के बावजूद NIA ने अपनी जांच शुरू की और अपनी रिपोर्ट भी सौंपी। यहां तक कि पूछताछ के लिए शफीन को भी बुलाया गया। ये सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की भावना के खिलाफ है जिसमे जस्टिस रविंद्रन को जांच का प्रमुख बनाया गया था।
याचिका में एजेंसी के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया है चूंकि एजेंसी ने बिना किसी अधिकृत व्यक्ति की देखरेख के जांच शुरू की है और स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की है, जो सुप्रीम कोर्ट के 16 अगस्त, 2017 के आदेश की भावना के खिलाफ है। ये सीधे सीधे आदेशों का उल्लंघन और अवमानना है। ये जांच ना तो सही है और साथ ही कोर्ट के आदेशों की अवमानना भी है। इसके अलावा NIA इस मामले की जांच में जल्दी में है और वो केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी उप अधीक्षक के निष्कर्ष से अलग पहुंचना चाहती है।
याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ( NCW) द्वारा हदिया की वर्तमान हालत के आंकलन की कोई जरूरत नहीं थी। NCW के हदिया के घर जाने को निजी हित और वर्तमान कार्रवाइ को प्रभावित करने की गलत मंशा बताया गया है।
वहीं इसी हफ्ते NIA ने हदिया के बयान भी रिकार्ड किए हैं। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हदिया के पिता अशोकन को 27 नवंबर को उसे कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे।