राज्य पुलिस मध्य प्रदेश में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर सकती है : मप्र हाई कोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-10-31 05:01 GMT

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक वृहत्तर पीठ ने कहा है कि राज्य पुलिस या विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (एसपीई) के पास मध्य प्रदेश में पदस्थापित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने का अधिकार है। इस पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता।

एक ही जैसे मामलों वाले तीन आपराधिक पुनरीक्षण को एक वृहत्तर पीठ को सौंप दिया गया। इन सभी ने जो प्रश्न पूछे थे वे एक ही थे – मध्य प्रदेश विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1947 की धारा 3 के तहत पुलिस को भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम, 1988 के अंतर्गत मामले की जांच और मुकदमा चलाने का अधिकार है या नहीं।

पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो जांच के मामले में राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों में भेद करता है।

इस तरह, पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1947 की धारा 3 के तहत पुलिस को भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम, 1988 के तहत किसी मामले की जांच करने और मुकदमा चलाने का अधिकार है।

पीठ ने कहा, “मध्य प्रदेश में पदस्थापित केंद्र सरकार के कमर्चारियों के घूस लेने या भ्रष्टाचार के मामले की जांच नियमित पुलिस बल या विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कर सकती  है।”


Full View

Similar News