एमसीआई एनआरआई कोटा नीती में नही कर सकती हस्तक्षेप: सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
सुप्रीम कोर्ट ने एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें एमसीआई ने मनिपाल यूनिवर्सिटी द्वारा एनआरआई कोटा के तहत सीट बढ़ाने को निरस्त कर दिया था। मनिपाल यूनिवर्सिटी ने 2005 से 2008 के बैच के लिए 103 एनआरआई कोटा की सीट बढ़ाई थी इसके खिलाफ एमसीआई ने आदेश पारित कर इसे खारिज कर दिया था इस फैसले के खिलाफ यूनिवर्सिटी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने यूनिवर्सिटी की अपील पर एमसीआई के निर्देश को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमसीआई को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के एक्ट के तहत ये अधिकार नहीं है कि वह सब कैटगरी के लिए सीटों के आवंटन में दखल दे।
एमसीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने एमसीआई के आदेश में दखल देने से मना किया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि यूनिवर्सिटी का फैसला अवैध है और एमसीआई की ड्यूटी है कि वह मेरिट पर आधारित चयन प्रक्रिया को सुनिश्चित करे। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। एमसीआई ने आदेश न मानने पर एमबीबीएस डिग्री को मान्यता देने से मना कर दिया था।
कोर्ट ने कहा कि मनिपाल यूनिवर्सिटी डीम्ड यूनिवर्सिटी है और यूजीसी एक्ट के तहत रेग्युलेट होता है और ऐसे में कंपिटेंट अथॉरिटी एक्ट के उल्लंघन की स्थिति में एक्शन लेने में सक्षम है।