सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Shahadat

30 Jun 2024 6:30 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (24 जून, 2024 से 28 जून, 2024 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

    'अब हीट-वेव इसलिए है क्योंकि हमने हरियाली खो दी है': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DDA को फिर से पेड़ लगाने का निर्देश दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को निर्देश दिया कि वे भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं, जिससे जनता परेशान है।

    कोर्ट ने दिल्ली रिज में पेड़ों की अवैध कटाई के मुद्दे पर विचार करने के लिए 16 मई को नियुक्त 3 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने का भी निर्देश दिया।

    केस टाइटल: बिंदु कपूरिया बनाम सुभाशीष पांडा डेयरी नंबर 21171-2024, सुभाशीष पांडा वाइस चेयरमैन DDA एसएमसी (सीआरएल) नंबर 2/202 के संबंध में

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    Judicial Service | जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति प्रत्याशित रिक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 जून) को न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में जिला जज की हाईकोर्ट में पदोन्नति के बाद उत्पन्न रिक्ति पर पदोन्नति की मांग की गई थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति को प्रत्याशित रिक्ति नहीं कहा जा सकता।

    जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। विवादित आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि केवल इसलिए कि प्रतीक्षा सूची रखी जा रही थी, याचिकाकर्ता (जो प्रतीक्षा सूची में था) को जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति के विरुद्ध नियुक्त नहीं किया जा सकता।

    केस टाइटल: नितिन मित्तल बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य, एसएलपी (सी) नंबर 13333/202

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    अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड बसों को ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के साथ बाधित न करें: तमिलनाडु सरकार से सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 जून) को तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त निर्देश में कहा गया कि तमिलनाडु राज्य में रजिस्टर्ड नहीं होने वाली बसों को राज्य के भीतर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि उन्हें तमिलनाडु राज्य में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों के साथ फिर से रजिस्टर्ड नहीं किया जाता।

    कोर्ट ने अंतरिम निर्देश भी पारित किया कि तमिलनाडु के अधिकारियों को अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड बसों को बाधित नहीं करना चाहिए, यदि उनके पास अखिल भारतीय पर्यटक परमिट है।

    केस टाइटल: के.आर. सुरेश कुमार एवं अन्य बनाम तमिलनाडु राज्य एवं अन्य, रिट याचिका (सिविल) नंबर 387/2024

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    S.138 NI Act - चेक डिसऑनर की शिकायत आरोपी के कहने पर ट्रांसफर नहीं की जा सकती : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (NI Act) की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर के अपराध के लिए मामले का ट्रांसफर आरोपी के कहने पर नहीं किया जा सकता।

    जस्टिस एएस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच ने NI Act की धारा 138 के तहत अपराध में शामिल आरोपी के कहने पर मांगी गई ट्रांसफर याचिका खारिज की। जस्टिस ओक ने टिप्पणी की कि आरोपी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांग सकता है, लेकिन उसके द्वारा ट्रांसफर याचिका दायर नहीं की जा सकती।

    केस टाइटल: कस्तूरीपांडियन एस बनाम आरबीएल बैंक लिमिटेड डायरी नंबर- 23680/2024

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    DDA द्वारा ज्यूडिशियल ऑफिसर को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान, कहा- यह न्यायिक स्वतंत्रता का उल्लंघन

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा के सेवारत ज्यूडिशियल ऑफिसर को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने की प्रथा पर हैरानी जताई।

    यह देखते हुए कि इस तरह की प्रथा न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करती है, कोर्ट ने DDA से इसे बंद करने को कहा। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से उचित कार्रवाई के लिए मामले पर गौर करने का भी आग्रह किया।

    केस टाइटल: बिंदु कपूरिया बनाम सुभाशीष पांडा डेयरी नंबर 21171-2024, सुभाशीष पांडा वाइस चेयरमैन डीडीए एसएमसी (सीआरएल) नंबर 2/2024 के संबंध में

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    मूल निवासियों को भर्ती परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक नहीं दे सकेगी हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट के फैसले से सुप्रीम कोर्ट सहमत

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की, जिसमें 2022 की अधिसूचना खारिज कर दी गई थी, जिसमें "सामाजिक-आर्थिक" मानदंडों के आधार पर कुछ पदों पर भर्ती में हरियाणा के मूल निवासियों को 5% अतिरिक्त अंक दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य सरकार की नीति महज 'लोकलुभावन उपाय' है।

    जस्टिस एएस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच 31 मई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने 2023 की कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी 2023) के दौरान ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में हरियाणा के मूल निवासियों को अतिरिक्त अंक देने वाली अधिसूचना खारिज कर दी थी।

    केस टाइटल: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग एवं अन्य बनाम सुकृति मलिक, एसएलपी(सी) नंबर 13275-13277/2024

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    Arvind Kejriwal Bail : ED की स्थगन याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश सुरक्षित रखना 'असामान्य'- सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्थगन याचिका पर आदेश सुरक्षित रखने का दिल्ली हाईकोर्ट का तरीका थोड़ा असामान्य है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सामान्य तौर पर सुनवाई के तुरंत बाद स्थगन आदेश मौके पर ही पारित किए जाते हैं। उन्हें सुरक्षित नहीं रखा जाता।

    जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा 21 जून को पारित किए गए उस आदेश के खिलाफ सुनवाई की गई, जिसमें उन्हें शराब नीति मामले में जमानत देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई गई।

    केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम प्रवर्तन निदेशालय | डायरी नंबर 27685/2024

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