जानिए हमारा कानून
क्या विधानसभा अपने सदस्यों को चल रहे सत्र से आगे निलंबित कर सकती है?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले आशीष शेलार और अन्य बनाम महाराष्ट्र विधान सभा और अन्य (2022) में इस सवाल पर विचार किया गया कि क्या विधानसभा अपने सदस्यों को चल रहे सत्र (Ongoing Session) से आगे निलंबित कर सकती है।कोर्ट ने 12 विधायकों के एक साल के निलंबन को असंवैधानिक (Unconstitutional) करार देते हुए इसे रद्द कर दिया। इस फैसले में संवैधानिक सिद्धांतों (Constitutional Principles), प्राकृतिक न्याय (Natural Justice), और प्रक्रिया के नियमों (Procedural Rules) पर जोर दिया गया। संवैधानिक ढांचा (Constitutional...
कीमती प्रतिभूति, वसीयत और प्राधिकृत दस्तावेजों की जालसाजी : सेक्शन 338 भारतीय न्याय संहिता, 2023
जालसाजी (Forgery) समाज और कानून में विश्वास को तोड़ने वाला अपराध है। खासतौर पर कीमती प्रतिभूतियों (Valuable Securities), वसीयतों (Wills), और अन्य कानूनी दस्तावेजों से संबंधित जालसाजी के मामले बेहद गंभीर होते हैं।भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bhartiya Nyaya Sanhita, 2023) के सेक्शन 338 में इन गंभीर अपराधों को रोकने और दोषियों को दंडित करने का प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान पहले के सेक्शन 336 और 337 पर आधारित है, जो सामान्य जालसाजी और अदालत या सरकारी रिकॉर्ड की जालसाजी से संबंधित हैं। सेक्शन 338...
प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आदेशों पर किस हाईकोर्ट का अधिकार है?
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय यूनियन ऑफ इंडिया बनाम अलापन बंद्योपाध्याय में यह तय किया गया कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (Administrative Tribunal) के आदेशों पर किस हाईकोर्ट (High Court) का अधिकार है।यह मामला विशेष रूप से धारा 25 (Section 25) के तहत ट्रिब्यूनल बेंच के बीच मामलों के स्थानांतरण (Transfer) से संबंधित था। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे आदेशों की पुनर्विचार (Review) का अधिकार किस हाईकोर्ट के पास है। यह लेख अदालत के निर्णय, कानूनी तर्कों, और प्रासंगिक मामलों (Precedents) का सरल विश्लेषण करता...
टकसाल, नोट प्रिंटिंग प्रेस और फॉरेंसिक विभागों के अधिकारियों की रिपोर्ट के प्रमाण के रूप में उपयोग : धारा 328 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita), 2023, में प्रमाण (Evidence) की स्वीकार्यता के लिए विस्तृत प्रावधान शामिल हैं। धारा 328 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो सरकारी संस्थानों और अधिकारियों की लिखित रिपोर्टों को प्रमाण के रूप में उपयोग करने की अनुमति देता है।यह प्रावधान न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाता है, क्योंकि इससे मौखिक गवाही (Oral Testimony) पर निर्भरता कम हो जाती है। यह लेख धारा 328 की पूरी व्याख्या करता है, इसके उद्देश्य और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के...
गुप्त शस्त्र गतिविधियों पर रोक और कड़े दंड का महत्व : आर्म्स अधिनियम, 1959 की धारा 26
आर्म्स अधिनियम, 1959 भारत में शस्त्रों और गोला-बारूद के स्वामित्व, निर्माण, बिक्री और परिवहन को नियंत्रित करने वाला एक प्रमुख कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और शस्त्रों के अनियंत्रित प्रसार को रोकना है।इस अधिनियम की धारा 26 "गुप्त उल्लंघन" (Secret Contraventions) पर केंद्रित है, जिसमें ऐसे कार्यों पर दंड का प्रावधान है जो जानबूझकर सार्वजनिक अधिकारियों (Public Servants) या अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों से छिपाकर किए जाते हैं। धारा 26 के प्रावधान (Provisions of Section...
कोर्ट और पब्लिक रजिस्टर की रिकॉर्ड से छेड़छाड़ और दंड: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 337
Forgery (जालसाजी) एक गंभीर अपराध है जो जनता और संस्थानों के बीच विश्वास को कमजोर कर सकता है। भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 337, न्यायालय के रिकॉर्ड, सार्वजनिक रजिस्टर और सरकारी दस्तावेज़ों की जालसाजी को संबोधित करती है।यह प्रावधान इन महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता (Authenticity) और गरिमा बनाए रखने के लिए कठोर दंड प्रदान करता है। इस लेख में हम धारा 337 के दायरे, महत्व और प्रभावों पर चर्चा करेंगे, साथ ही उदाहरण और व्याख्या भी देंगे। धारा 337 का दायरा और परिभाषा (Scope and...
एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की पहचान रिपोर्ट : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 327
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) 2023 में न्याय प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं।इन प्रावधानों में धारा 327 एक प्रमुख भूमिका निभाती है, जो कार्यकारी मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) द्वारा तैयार की गई पहचान रिपोर्ट (Identification Report) को साक्ष्य के रूप में मान्यता देती है। यह प्रावधान न्यायालय की प्रक्रिया को तेज बनाता है, साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि उचित न्याय हो। इस लेख में हम धारा 327 को विस्तार से...
संगठित अपराध और असावधानीपूर्वक हथियारों के उपयोग पर आर्म्स अधिनियम की धारा 25(6) से 25(9)
आर्म्स अधिनियम, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद के नियमन (Regulation) के लिए बनाया गया है ताकि सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety) सुनिश्चित की जा सके और हथियारों के दुरुपयोग (Misuse) को रोका जा सके। धारा 25 में अपराधों और दंड (Punishments) से संबंधित विस्तृत प्रावधान दिए गए हैं। पहले भाग में धारा 25(1) से 25(5) का विश्लेषण किया गया था।इस लेख में धारा 25(6) से 25(9) पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो संगठित अपराध (Organized Crime), अवैध व्यापार (Illicit Trafficking), और...
क्या National Commission बिल्डर्स को पूरा Decretal Amount जमा करने का निर्देश दे सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने Manohar Infrastructure and Constructions Pvt. Ltd. बनाम Sanjeev Kumar Sharma और अन्य मामले में Consumer Protection Act, 2019 के प्रावधानों को स्पष्ट किया।यह निर्णय इस सवाल से संबंधित था कि क्या National Consumer Disputes Redressal Commission (NCDRC) को State Commission के आदेश पर stay (स्थगन) देते समय बिल्डर को पूरी decretal amount (निर्णय राशि) जमा करने का निर्देश देने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर विस्तार से विचार करते हुए Section 51 की व्याख्या की और यह समझाया...
Transfer Of Property Act क्या है?
प्रॉपर्टी एक लंबे समय से जटिल विषय रहा है। प्रॉपर्टी किसे माना जाए तथा किसे नहीं माना जाए इस विषय पर समय-समय पर समाज में नित नए परिवर्तन होते रहे हैं। ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट भी प्रॉपर्टी के अंतरण के संबंध में विधि निर्माण करता है। यदि प्रॉपर्टी स्वामी ने अपने जीवन काल में प्रॉपर्टी के हस्तांतरण के संबंध में कोई व्यवस्था नहीं की थी और उसकी मृत्यु हो जाती है तो प्रॉपर्टी का उसकी मृत्यु के पश्चात हस्तांतरण उत्तराधिकार के माध्यम से होगा।यदि प्रॉपर्टी स्वामी ने कोई व्यवस्था कर रखी थी कि उसकी...
Transfer Of Property Act में स्थावर प्रॉपर्टी किसे माना गया है?
ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 मूल रूप से अचल प्रॉपर्टीयों के अंतरण के विनियमन हेतु निर्माण किया गया है। इस अधिनियम में कहीं भी चल प्रॉपर्टी की परिभाषा नहीं है जबकि इस अधिनियम में धारा 3 के अंतर्गत स्थावर प्रॉपर्टी अर्थात अचल प्रॉपर्टी की परिभाषा प्रस्तुत की गई है। इस अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की परिभाषाओं को प्रस्तुत किया गया है और यह धारा इस अधिनियम की अत्यधिक महत्वपूर्ण धाराओं में से एक हैं।इस धारा में स्थावर प्रॉपर्टी पदावली का प्रयोग बिना यह स्पष्ट किए हुए की...
फोर्जरी के अपराध की व्याख्या : भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 336
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 336 जालसाजी (Forgery) के अपराध को विस्तार से परिभाषित करती है। यह धारा बताती है कि कोई व्यक्ति कब जाली दस्तावेज़ (False Document) या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड (Electronic Record) बनाता है और ऐसे कार्यों के लिए उसे कैसे दंडित किया जाएगा।जालसाजी केवल झूठे दस्तावेज़ या रिकॉर्ड बनाने तक सीमित नहीं है। इसमें मौजूदा दस्तावेज़ों को गलत तरीके से बदलना भी शामिल है, जिसका उद्देश्य दूसरों को धोखा देना या नुकसान पहुंचाना है। धारा 336 जालसाजी के उद्देश्य और परिणामों को विभिन्न...
मेडिकल साक्षी के बयान: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 326
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita - BNSS) में आपराधिक न्याय प्रक्रिया को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई प्रावधान शामिल हैं। इसकी धारा 326 विशेष रूप से चिकित्सा साक्षी (Medical Witness) जैसे सिविल सर्जन (Civil Surgeon) या अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के बयानों के संदर्भ में है। यह प्रावधान न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और साक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पेश करने में सहायक है। इस लेख में हम धारा 326 के प्रावधानों, अन्य संबंधित धाराओं और इसके व्यावहारिक प्रभावों...
आर्म्स लाइसेंसिंग के निर्देशों का पालन न करना : आर्म्स अधिनियम, 1959 की धारा 25(2) से 25(5)
आर्म्स अधिनियम, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में आग्नेयास्त्रों (Firearms), गोला-बारूद (Ammunition), और अन्य हथियारों (Arms) के नियमन (Regulation) के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इसकी धारा 25 विभिन्न अपराधों और उनके लिए सजा का प्रावधान करती है।धारा 25(2) से 25(5) तक के प्रावधान विशेष अपराधों और उनके लिए दंड निर्धारित करते हैं। इससे पहले, हमने धारा 25(1B) और 25(1C) में उल्लिखित दंडों पर चर्चा की थी। अब हम धारा 25 के उपखंड (Sub-sections) 2 से 5 का विश्लेषण करेंगे। धारा 25(2): धारा 9(1)(a)(i) के...
क्या पेंशन नियमों का असमान लागू होना समानता का उल्लंघन है?
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने डॉ. जी. सदाशिवन नायर बनाम कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मामले में पेंशन से संबंधित नियमों के असमान अनुप्रयोग (unequal application) पर विचार किया।यह मामला संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार (Right to Equality) के उल्लंघन और पेंशन के अधिकार (Right to Pension) के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। अदालत ने पेंशन अधिकार, नियमों के पीछे की मंशा, और नियमों के असमान प्रयोग के प्रभावों पर चर्चा की। नियम 25(क) (Rule 25(a)), केरल सेवा नियम (Kerala Service Rules...
झूठे दस्तावेज और जालसाजी के स्पष्टीकरण और उदाहरण: धारा 335 भारतीय न्याय संहिता, 2023 भाग III
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 335 में झूठे दस्तावेज (False Document) बनाने और जालसाजी (Forgery) के मामलों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। यह धारा दस्तावेजों की सत्यता को बनाए रखने और धोखाधड़ी (Fraud) रोकने का प्रयास करती है। इस लेख में धारा 335 के अंतर्गत दिए गए स्पष्टीकरणों (Explanations) और उदाहरणों (Illustrations) का सरल भाषा में विस्तार किया गया है। यह इस विषय पर तीसरा और अंतिम भाग है, जिसमें सभी प्रावधानों और उनके महत्व पर चर्चा की जाएगी। स्पष्टीकरण 1: अपने नाम का हस्ताक्षर भी...
आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद से जुड़े अपराध और दंड : धारा 25(1B) और 25(1C) का विश्लेषण
अपराध और दंड से जुड़ी विस्तृत व्याख्याArms Act, 1959 की धारा 25 का यह भाग आग्नेयास्त्र (Firearms) और गोला-बारूद (Ammunition) के अवैध उपयोग, कब्जे, बिक्री और परिवहन से संबंधित अपराधों और दंड को स्पष्ट करता है। इससे पहले की धारा 25 के भाग में, हमने उन अपराधों पर चर्चा की थी जो प्रतिबंधित हथियारों और गोला-बारूद के निर्माण, बिक्री या कब्जे से संबंधित हैं। इस लेख में हम धारा 25 के उपधारा (1B) और (1C) पर ध्यान देंगे। धारा 25 (1B): अपराध और दंडयह उपधारा उन अपराधों को स्पष्ट करती है जो लाइसेंस, कानून...
क्या UAPA मामलों में राज्य पुलिस को जांच तुरंत रोकनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट का दृष्टिकोण
अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1967 (Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 - UAPA) भारत का मुख्य कानून है जो देश की संप्रभुता (Sovereignty) और अखंडता (Integrity) को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों से निपटने के लिए बनाया गया है।यह कानून राज्य और केंद्र की एजेंसियों को आतंकवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों की जांच के लिए प्रावधान (Provisions) देता है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी एक्ट, 2008 (National Investigation Agency Act, 2008 - NIA Act) के तहत नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को UAPA...
विदेशी कमीशन का निष्पादन: धारा 325 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 या BNSS) का उद्देश्य भारत के आपराधिक प्रक्रिया कानूनों को आधुनिक और सरल बनाना है। इस संहिता में गवाहों (Witnesses) की गवाही (Testimony) के लिए कमीशन (Commission) जारी करने से जुड़े प्रावधान (Provisions) खास भूमिका निभाते हैं।धारा 325 विदेशी कमीशन (Foreign Commissions) के निष्पादन (Execution) के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करती है। यह प्रावधान, गवाहों की गवाही रिकॉर्ड करने और उनका इस्तेमाल कानूनी प्रक्रिया में सुनिश्चित...
Constitution में इमरजेंसी होने पर राष्ट्रपति शासन
भारत के संविधान का आर्टिकल 356 उद्घोषणा की तरह ही यह उपबंधित करता है कि यदि किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा राष्ट्रपति को समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिसमें किसी राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता तो राष्ट्रपति उद्घोषणा द्वारा-उस राज्य की सरकार के सभी या कोई कृत्य तथा राज्यपाल या राज्य के विधान मंडल से भिन्न राज्य के किसी निकाय प्राधिकारी में निहित या उसके द्वारा प्रयोग सभी या कोई शक्ति अपने हाथ में ले सकेगा।घोषित कर सकेगा कि राज्य...