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राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धाराएं 211 से 216: संपत्ति विभाजन के विशेष प्रावधान, साझा संरचना और राजस्व वितरण
राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 की धाराएं 211 से 216: संपत्ति विभाजन के विशेष प्रावधान, साझा संरचना और राजस्व वितरण

धारा 211 – एक सह स्वामी के हिस्से में दूसरे द्वारा बनाई गई इमारतों, बागों या बगीचों का न्यायसंगत पुनर्वितरणजब संपत्ति का विभाजन किया जा रहा हो, और किसी सह स्वामी के हिस्से में ऐसी जमीन आ रही हो जिस पर दूसरे सह स्वामी ने अपना आवास, भवन, बगीचे, वृक्षारोपण या अन्य सुधार अपने खर्च पर किया है, तो उस सुधारकर्ता को उस जमीन का अधिकार बना रहने दिया जाएगा। हालाँकि वह जमीन दूसरे सह स्वामी के हिस्से में आती है, लेकिन उसे कुछ स्थायी किराया देना होगा जिसे 'ग्राउंड रेंट' कहते हैं। इसमें कलेक्टर ही तय करेगा कि...

राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 204 से 210: विभाजन की प्रक्रिया और ज़मीनों का न्यायसंगत आवंटन
राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 204 से 210: विभाजन की प्रक्रिया और ज़मीनों का न्यायसंगत आवंटन

राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 के अंतर्गत भूमि के विभाजन की प्रक्रिया को पूरी तरह व्यवस्थित किया गया है। जहां पहले की धाराओं में यह बताया गया कि विभाजन कैसे किया जा सकता है – आपसी सहमति, मध्यस्थता या कलेक्टर द्वारा – वहीं धाराएं 204 से 210 तक यह बताती हैं कि विभाजन की क्रियात्मक प्रक्रिया किस तरह से की जाएगी, कौन अधिकारी क्या करेगा, अमीन की भूमिका क्या होगी, किस तरह से दावे और आपत्तियां निपटाई जाएंगी, और कैसे ज़मीनों का संतुलित और न्यायसंगत बंटवारा किया जाएगा। यह लेख इन सभी धाराओं की सरल,...

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं 73 से 77: डिजिटल प्रमाणपत्र, धोखाधड़ी, अंतरराष्ट्रीय अपराध और जब्ती
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं 73 से 77: डिजिटल प्रमाणपत्र, धोखाधड़ी, अंतरराष्ट्रीय अपराध और जब्ती

डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर और उससे संबंधित प्रमाणपत्रों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। किसी व्यक्ति की पहचान, लेनदेन की वैधता और दस्तावेज़ की प्रमाणिकता को सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का प्रयोग किया जाता है।परंतु, जब इनका दुरुपयोग किया जाता है या झूठे प्रमाणपत्र प्रकाशित किए जाते हैं, तो इससे न केवल डिजिटल विश्वास पर आघात होता है बल्कि साइबर अपराध को भी बढ़ावा मिलता है। इसलिए, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धाराएं 73 से 77 ऐसे ही अपराधों और उनके परिणामों...