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सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 बहुमत से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 बहुमत से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया (वीडियो)

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 3:2 बहुमत से 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखा, जिसमें शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण की शुरुआत की गई थी। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने 103वें संविधान संशोधन को बरकरार रखा, जबकि जस्टिस एस रवींद्र भट ने इसे रद्द करने के लिए असहमतिपूर्ण फैसला लिखा। भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने जस्टिस भट के अल्पसंख्यक दृष्टिकोण से सहमति व्यक्त की।भारत के...

शनिवार की विशेष सुनवाई में बरी करने का आदेश रद्द करने के बारे में कभी नहीं सुना: प्रो जीएन साईबाबा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल [वीडियो]
'शनिवार की विशेष सुनवाई में बरी करने का आदेश रद्द करने के बारे में कभी नहीं सुना': प्रो जीएन साईबाबा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल [वीडियो]

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि माओवादियों से कथित संबंध मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और अन्य को आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को निलंबित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश को शनिवार को हुई विशेष सुनवाई में सुना गया। रोस्टर और मामलों को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सिब्बल ने कहा कि सरकार से जुड़े संवेदनशील मामले पिछले कुछ वर्षों में केवल एक विशेष न्यायाधीश के पास जा रहे हैं।सिब्ब्ल ने कहा,"अगर आप कोर्ट का इतिहास...

हिजाब पहनना पंसद की बात: जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब बैन के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा (वीडियो)
'हिजाब पहनना पंसद की बात': जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब बैन के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा (वीडियो)

हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया। एक जज ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, वहीं दूसरे जज ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया। मामला बड़ी बेंच को भेजा जाएगा। जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। अनुच्छेद 14 और 19 का मामला। यह पसंद का मामला है, न ज्यादा और न ही कम।" जस्टिस सुधांशु ने कहा कि उनके मन में सबसे बड़ा सवाल बालिकाओं की शिक्षा को लेकर है।जस्टिस सुधांशु ने कहा,"लेकिन...