सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 बहुमत से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया (वीडियो)
Sharafat
7 Nov 2022 9:22 PM IST
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 3:2 बहुमत से 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखा, जिसमें शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण की शुरुआत की गई थी।
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने 103वें संविधान संशोधन को बरकरार रखा, जबकि जस्टिस एस रवींद्र भट ने इसे रद्द करने के लिए असहमतिपूर्ण फैसला लिखा। भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने जस्टिस भट के अल्पसंख्यक दृष्टिकोण से सहमति व्यक्त की।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट ने अपने असहमति वाले फैसले में कहा कि आर्थिक मानदंडों पर आरक्षण संविधान का उल्लंघन नहीं है। हालांकि, एससी/एसटी/ओबीसी के गरीबों को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से बाहर करके (इस आधार पर कि उन्हें लाभ मिला है), 103वां संशोधन संवैधानिक रूप से भेदभाव के निषिद्ध रूपों का अभ्यास करता है।