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"1-2 दिनों के लिए मांस खाने से खुद को रोकें": गुजरात हाईकोर्ट ने जैन त्योहार के अवसर पर बूचड़खाने को बंद करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा ( वीडियो
गुजरात हाईकोर्ट ने जैन समुदाय के त्योहार के अवसर पर शहर में एकमात्र बूचड़खाने को बंद करने के अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा, "आप 1-2 दिनों के लिए मांस खाने से खुद को रोकें।" जस्टिस संदीप भट्ट की पीठ कुल हिंद जमीयत-अल कुरेश एक्शन कमेटी गुजरात की ओर से दानिश कुरैशी रजावाला और एक अन्य व्यक्ति द्वारा शहर में एकमात्र बूचड़खाने को बंद करने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार कर रही थी।देखिये वीडियो
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस रेप एंड मर्डर केस में सीबीआई से ट्रायल प्रोग्रेस की रिपोर्ट मांगी (वीडियो)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस में सीबीआई से ट्रायल प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। अगली तारीख [20 सितंबर, 2022] से पहले जिला न्यायाधीश, हाथरस के माध्यम से ट्रायल कोर्ट से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने सीबीआई के वकील अनुराग कुमार सिंह को निर्देश दिया।यूपी सरकार ने अदालत के समक्ष यह भी प्रस्तुत किया कि शवों के सम्मानजनक दाह संस्कार के लिए एसओपी प्रक्रियाधीन है और बहुत जल्द, इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और अधिसूचित किया जाएगा।देखिये वीडियो
सुप्रीम कोर्ट ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर यूपी सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद की (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट ने 1992 में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के विध्वंस के संबंध में लंबित अवमानना कार्यवाही को बंद किया। 1992 में उत्तर प्रदेश राज्य के खिलाफ अवमानना याचिका मोहम्मद असलम भूरे द्वारा दायर की गई थी। यह याचिका अदालत को क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में दिए गए अंडरटेकिंग के उल्लंघन के लिए दायर की गई थी।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने समय बीतने और सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले को ध्यान में रखते हुए अवमानना मामले को बंद कर दिया। ...
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहुविवाह और निकाह हलाला की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अक्टूबर में सुनवाई करेगा (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ दशहरा की छुट्टियों (अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में) के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal Law) द्वारा अनुमत बहुविवाह (Polygamy) और निकाह हलाला (Nikah Halala) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सुधांशु धूलिया की 5 जजों की पीठ के समक्ष इन प्रथाओं को चुनौती देने वाली आठ याचिकाओं को मंगलवार को सूचीबद्ध किया गया।पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय...
IIT JEE Mains 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी गड़बड़ियों के कारण अतिरिक्त प्रयास की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को पहले और दूसरे दोनों सत्र में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण आईआईटी-जेईई मेन्स परीक्षा 2022 के अतिरिक्त सत्र आयोजित करने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार किया। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले पर विचार करने के लिए अनिच्छा व्यक्त करने के बाद याचिकाकर्ताओं ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।पीठ ने कहा कि रविवार को होने वाली IIT-JEE (एडवांस्ड) परीक्षा में वह...
यौन इरादे से बच्चे के निजी अंगों को छूना POCSO एक्ट आकर्षित करने के लिए पर्याप्त, चोट की अनुपस्थिति प्रासंगिक नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि केवल यौन इरादे से बच्चे के निजी अंगों को छूना POCSO एक्ट (The Protection of Children from Sexual Offences Act) की धारा 7 के तहत यौन उत्पीड़न के रूप में माना जाने के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही चोट का प्रदर्शन करने वाला मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा, "मेडिकल सर्टिफिकेट में उल्लिखित चोट की अनुपस्थिति से उसके मामले में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि POCSO एक्ट की धारा 7 के तहत परिभाषित यौन उत्पीड़न के अपराध की प्रकृति में POCSO एक्ट की धारा 8 के साथ पठित...
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ने फिरोजपुर के एसएसपी को जिम्मेदार ठहराया (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के अनुसार, पंजाब के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस, जनवरी 2022 में पंजाब की अपनी यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री की सुरक्षा (PM Modi Security Lapse) सुनिश्चित करने में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे। जनवरी 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई भारत के चीफ जस्टिस एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम...
फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट: अनटोल्ड स्टोरी
फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से वकीलों के कुछ किस्से सुनना आपके लिए रोचक हो सकता है। लाइव लॉ रिपोर्टर चारू सिंह ने वकीलों से कुछ मुद्दों पर बात की। वकीलों ने भी खुलकर अपनी बात लाइव लॉ के सामने रखी। लाइव लॉ आप सभी के लिए कोर्ट और वकीलों की अनटोल्ड स्टोरी लेकर आया है।ऐसे ही वीडियोज देखने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें।देखिए वीडियो
दहेज मांगने पर क्या है सज़ा और कानून में क्या हैं प्रावधान
शादी के समय पिता की ओर से अपनी बेटी को दिए जाने वाली सामग्री को दहेज माना जाता है। दहेज की व्यवस्था प्राचीन भारत से ही चली आ रही है। भारत ही नहीं बल्कि एशिया के बहुत सारे भाग में दहेज जैसी व्यवस्था चलती रही है। सभी जगह इसका नाम अलग अलग हो सकता है पर यह व्यवस्था सभी समाजों में देखने को मिलती है। समय के साथ परिस्थितियां बदलती चली गई, दहेज के अर्थ भी बदल गए। दहेज एक विभत्स और क्रूर व्यवस्था बनकर रह गया, जो महिलाओं के लिए एक अजगर के रूप में सामने आया। दहेज की मांग लड़का पक्ष की ओर से की जाने लगी।...
एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ बयान देने के लिए बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने क्या नसीहत दी? देखें वीडियो
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ बयान देने के लिए बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की खिंचाई की।भारत के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से रामदेव की आलोचना की, जिसमें टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ नकारात्मक विज्ञापनों को नियंत्रित करने की मांग की गई थी।देखिए वीडियो:
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र, देखें वीडियो
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (16 अगस्त, 2022 से 19 अगस्त, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र। देखिये वीडियो
जानिए कौन सी पॉलिसी के तहत बिलकिस बानो गैंग रेप मामले के दोषियों गुजरात सरकार ने रिहा किया (वीडियो)
गुजरात के 2002 बिलकिस बानो गैंग रेप मामले (Bilkis Bano Gang Rape Case) में उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों को गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत सोमवार को गोधरा जेल से रिहा कर दिया गया। 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के दौरान बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। जनवरी 2008 में मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुजरात में गोधरा के बाद के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों के हत्या के दोषी पाए जाने के बाद 11 दोषियों को आजीवन...
पटियाला हाउस कोर्ट: अनटोल्ड स्टोरी
पटियाला हाउस कोर्ट से वकीलों के कुछ किस्से सुनना आपके लिए रोचक हो सकता है। लाइव लॉ रिपोर्टर चारू सिंह ने वकीलों से कुछ मुद्दों पर बात की।वकीलों ने भी खुलकर अपनी बात लाइव लॉ के सामने रखी, जिनमें अदालत में लंबित मामले, नए वकीलों के लिए टिप्स आदि मामलों पर बातें हुईं।लाइव लॉ आप सभी के लिए कोर्ट और वकीलों की अनटोल्ड स्टोरी लेकर आता है। ऐसे ही वीडियोज देखने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें।देखिए वीडियो
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र, देखें वीडियो
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (8 अगस्त, 2022 से 12 अगस्त, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।देखें वीडियो
मुफ्त कानूनी सहायता कैसे ली जाए? जानिए क्या हैं प्रावधान (वीडियो)
किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन काल में कई दफा अदालत का काम पड़ता है। कई लोगों पर आपराधिक प्रकरण बना दिए जाते हैं और कई लोग अपने सिविल प्रकरण लेकर अदालत के समक्ष उपस्थित होते हैं। भारत की कानूनी प्रक्रिया अत्यंत विशद है। ऐसे में कोई भी आम व्यक्ति इस प्रक्रिया को समझ नहीं सकता है। कानूनी बारीकियों को केवल कोई वकील ही समझ सकता है। फिर किसी व्यक्ति पर यदि कोई आपराधिक प्रकरण बनाया गया है तब ऐसे अपराधिक प्रकरण में सरकार की ओर से सरकारी वकील पर भी करते हैं। एक वकील का सामना वकील ही कर सकता है, आम आदमी...
क्या है लिव इन रिलेशनशिप की कानूनी मान्यता, देखिए वीडियो
लिव इन एक ऐसी स्थिति है जहां दो बालिग लोग आपसी सहमति से साथ में रहते हैं। उनका आपस में रिश्ता पति पत्नी की तरह होता है लेकिन उन दोनों के बीच कोई विवाह की संविदा नहीं होती है।यह विवाह से अलग है, लेकिन भारत के सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन को परिभाषित करते हुए कई बार यह कहा है कि लिव इन के संबंध में भी अधिकार और कर्तव्य तो होते हैं।देखिए लिव इन रिलेशनशिप की कानूनी मान्यता पर यह वीडियो