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खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)
खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)

दिल्ली हाईकोर्ट ने अगामी एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए घुड़सवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय खेल महासंघ को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को बढ़ावा देना चाहिए। अति-तकनीकी और व्यक्तिगत प्रतिशोध से भ्रमित नहीं होना चाहिए।जस्टिस गौरांग कांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक खिलाड़ी मैदान और स्टेडियम के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं. जो लोग मातृभूमि का नाम रोशन करना चाहते हैं, उन्हें खेल संघों और उसके...

मॉल के पास पार्किंग फीस लेने का अधिकार नहीं: आंध्र प्रदेश जिला उपभोक्ता आयोग (वीडियो)
मॉल के पास पार्किंग फीस लेने का अधिकार नहीं: आंध्र प्रदेश जिला उपभोक्ता आयोग (वीडियो)

छुट्टी वाले दिन दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बहुत सारे लोग मॉल और शॉपिंग कंपलेक्स में फिल्म देखने या शॉपिंग के लिए जाते हैं। मॉल की पार्किंग का इस्तेमाल करने पर उन्हें फीस के रूप में कुछ पैसे देने पड़ते हैं. आपने भी कभी-न-कभी मॉल की पार्किंग इस्तेमाल करने के लिए पार्किंग फीस दिए ही होंगे। पार्किंग फीस को लेकर आए दिन कई लोगों ने कोर्ट का रूख किया है। हाल ही में पार्किंग फीस को लेकर एक और मामला सामने आया। मामले में आंध्र प्रेदश डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमिशन ने सिनेमा मालिक को एक वकील को 5 हजार...

प्यार करने वालों का धर्म अलग होने से उनके रिश्ते को नहीं दे सकते लव जिहाद का एंगल: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)
प्यार करने वालों का धर्म अलग होने से उनके रिश्ते को नहीं दे सकते 'लव जिहाद' का एंगल: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)

“कोई लड़का और लड़की अलग-अलग धर्म से ताल्लुक ऱखते हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं तो इसे लव जिहाग कहना ठीक नहीं होगा।“ बॉम्बे हाई कोर्ट ने लव जिहाद के एक केस में मुस्लिम महिला और उसके परिवार को अग्रिम जमानत देते हुए ये टिप्पणी की। अग्रिम जमानत यानी गिरफ्तारी से पहले जमानत।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और अभय वाघवासे की खंडपीठ ने ये आदेश दिया। बेंच ने फैसले में कहा था, “केवल इसलिए कि लड़का और लड़की अलग-अलग धर्मों के हैं, किसी रिश्ते को ‘लव जिहाद’ का एंगल नहीं दिया जा सकता है। यह एक-दूसरे के लिए सच्चे...

PM, विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी चुनाव आयुक्ति का चयन, सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला (वीडियो)
PM, विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी चुनाव आयुक्ति का चयन, सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला (वीडियो)

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिलकर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन करेंगे.जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा- लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखी जानी चाहिए अन्यथा इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति एक कमेटी करेगी. कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया...

पत्नी को छूने को लेकर डॉक्टर की पिटाई करने वाले आरोपी को जमानत से इनकार, कोर्ट ने कहा- बिना छुए डॉक्टर इलाज नहीं कर सकता (वीडियो)
पत्नी को छूने को लेकर डॉक्टर की पिटाई करने वाले आरोपी को जमानत से इनकार, कोर्ट ने कहा- बिना छुए डॉक्टर इलाज नहीं कर सकता (वीडियो)

केस 8 जनवरी 2022 का है। एक शख्स अपनी पत्नी का इलाज करवाने केरल के एक अस्पताल पहुंचता है। यहां उसने उसकी पत्नी का चेकअप करने वाले पुरुष डॉक्टर को थप्पड़ मारा और उसका कॉलर पकड़ लिया। शख्स का कहना है कि डॉक्टर ने उसकी पत्नी को गलत इरादे से छुआ। डॉक्टर के साथ मारपीट को लेकर शख्स के खिलाफ केस दर्ज होता है। जमानत की मांग वाली याचिका केरल हाईकोर्ट में दायर की जाती है। मामले की सुनवाई जस्टिस ए बदरुद्दीन की सिंगल बेंच ने की। जज ने डॉक्टर की पिटाई करने वाले आरोपी पति को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट...

अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं। इसका मतलब ये है कि कोर्ट ने अग्निपथ योजना को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा, उसे इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की डिविजनल बेंच फैसला सुनाया। फैसला पिछले साल 15 दिसंबर को सुरक्षित रखा गया था।कुल 23 याचिकाओं में से पांच ने अग्निपथ योजना को चुनौती दी थी। पिछली भर्ती योजना के अनुसार नियुक्ति की मांग करने वाली अन्य 18 याचिकाओं को भी खारिज...