धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (DNLU), जबलपुर के जनजातीय एवं मूलनिवासी समुदाय अध्ययन केंद्र द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की महान विरासत और जनजातीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं को नमन करते हुए जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन बड़े उत्साह और सम्मान के साथ किया गया।
यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रवीण त्रिपाठी ने अपने संबोधन में भारतीय ज्ञान प्रणाली, मूलनिवासी समुदायों की पारंपरिक ज्ञान परंपराओं, भूमि अधिकारों और भूमि सुधारों की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों को जागरूक, संवेदनशील और विचारशील दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दयाराम कुमरे उपस्थित रहे। उन्होंने कानून की व्याख्या, संवैधानिक मूल्यों की समझ तथा स्वतंत्र और तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित करने के महत्व पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
इस आयोजन का समन्वय संकाय सलाहकार डॉ. जलज गोन्तिया और डॉ. अमित कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। छात्र आयोजन समिति ने छात्र सलाहकार श्री ऋषभ भारती के मार्गदर्शन में संयोजक सुश्री मयूरी तुमड़ाम तथा सह-संयोजक श्री पराक्रम ठाकुर और सुश्री गुनगुन अजय खुरसेल के नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभाई।
जनजातीय गौरव दिवस का यह कार्यक्रम न केवल जनजातीय परंपराओं के सम्मान का प्रतीक रहा, बल्कि छात्रों में सामाजिक समझ, संवेदनशीलता और बौद्धिक जागरूकता को बढ़ाने का सार्थक प्रयास भी साबित हुआ।