उत्तराखंड हाईकोर्ट ने UPNL कर्मचारियों को नियमित न करने पर राज्य के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया
UPNL कर्मचारियों को नियमित करने के हाईकोर्ट के निर्णय को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मुद्दे पर जवाब मांगने के लिए सिविल अवमानना नोटिस जारी किया।
जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की।
12.11.2018 को कुंदन सिंह बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य के मामले में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार मौजूदा योजनाओं के अनुसार एक वर्ष के भीतर UPNL प्रायोजित कर्मचारियों को नियमित करे। यह सुनिश्चित करे कि उन्हें छह महीने के भीतर बकाया सहित महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम वेतनमान मिले।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक उनके नियमितीकरण के लिए नियम नहीं बनाए, जबकि वे वर्षों से काम कर रहे हैं। इसके बजाय सरकार उन्हें हटा रही है, नियमित अधिसूचना जारी कर रही है और उन पदों पर भर्ती कर रही है।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि राज्य सरकार ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। राज्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की।
इसके बाद मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया गया, जिस पर 24.12.2024 को जवाब देना है।
केस टाइटल: उत्तराखंड UPNL कर्मचारी संघ बनाम राधा रतूड़ी, सीएलसीओएन नंबर 402/2024