प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार्जशीट दी गई हो तो अधिकारी का प्रमोशन नहीं रोका जा सकता: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दोहराया
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक आदेश पर रोक लगाई, जिसमें एक व्यक्ति को फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पद पर प्रमोशन देने पर रोक लगा दी गई थी। यह रोक उसके खिलाफ जारी की गई चार्जशीट के आधार पर लगाई गई, जो उसे प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी गई।
ऐसा करते हुए कोर्ट ने दोहराया कि किसी व्यक्ति का प्रमोशन इस आधार पर रोकना कि चार्जशीट प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले की तारीख में जारी की गई, कानून की नज़र में सही नहीं है, खासकर तब जब कर्मचारी को उसके प्रमोशन पर विचार करते समय चार्जशीट नहीं दी गई।
कोर्ट एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें याचिकाकर्ता को शुरू में 1995 में फॉरेस्टर के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में 2013 में डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर के रूप में प्रमोट किया गया। बाद में – 10 जून, 2024 के एक आदेश के अनुसार, याचिकाकर्ता को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सिफारिश पर फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पद पर प्रमोट किया गया और उसने 12 जून, 2024 को पदभार ग्रहण किया। हालांकि, 14 जून, 2024 को पारित आदेश (विवादित आदेश) द्वारा उसके प्रमोशन को इस आधार पर रोक दिया गया कि उसके खिलाफ 4 मई, 2024 को एक चार्जशीट जारी की गई थी। उक्त चार्जशीट बाद में 13 मई, 2024 को याचिकाकर्ता को दी गई।
विवादित आदेश को चुनौती देते हुए पीड़ित याचिकाकर्ता ने कहा कि उत्तराखंड PSC ने 6 मई, 2024 को प्रमोशन की प्रक्रिया आयोजित की थी। उसने तर्क दिया कि भले ही चार्जशीट 4 मई, 2024 को जारी की गई, लेकिन चार्जशीट प्रमोशन की प्रक्रिया आयोजित होने के बाद यानी 13 मई, 2024 को दी गई। इस तरह यह याचिकाकर्ता के प्रमोटेड पद पर बने रहने के अधिकार को छीन नहीं सकती।
याचिकाकर्ता ने बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बनाम डेगाला सूर्यनारायण [(1999) 5 SCC 762] और यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य बनाम के.वी. जानकीरमन और अन्य [(1991) 4 SCC 109] का हवाला दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बाद की अनुशासनात्मक कार्यवाही के बावजूद संबंधित प्रमोशन को प्रभावी माना था, क्योंकि जब प्रमोशन पर विचार किया गया तब कोई चार्जशीट नहीं दी गई।
याचिकाकर्ता की दलीलों में दम पाते हुए जस्टिस मनोज कुमार तिवारी ने कहा,
“चूंकि याचिकाकर्ता के प्रमोशन के दावे पर उस समय विचार किया गया था, जब उसे कोई चार्जशीट नहीं दी गई, इसलिए सिर्फ़ इस आधार पर कि प्रमोशन की प्रक्रिया से पहले की तारीख में चार्जशीट जारी की गई, उसे प्रमोशन का फ़ायदा न देना विवादित आदेश पारित करने के लिए काफ़ी नहीं हो सकता।”
इसके अनुसार, मामले को आगे की सुनवाई के लिए 16 फरवरी, 2026 को लिस्ट किया गया, तब तक के लिए विवादित आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया।
Case Title: WPSS No. 1672/2024