उड़ीसा हाईकोर्ट ने वर्ष 2023 के लिए अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया, जिला जजों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया
उड़ीसा हाईकोर्ट ने 28 से 30 जून 2024 तक जिला जजों का वार्षिक सम्मेलन-2024 आयोजित किया। इसने वर्ष 2023 के लिए अपना रिपोर्ट कार्ड वार्षिक रिपोर्ट के रूप में भी जारी किया।
उद्घाटन समारोह शुक्रवार को ओडिशा न्यायिक अकादमी कटक में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में चीफ जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राज्य के सभी 30 जिलों के जिला जजों और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों के साथ हाईकोर्ट के जजों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए जस्टिस शशिकांत मिश्रा ने कार्यक्रम की तुलना क्रिकेट के आयोजन से की। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सम्मेलन आयोजित करके और लगातार तीसरे वर्ष वार्षिक रिपोर्ट जारी करके हैट्रिक बनाई है।
न्यायालय ने तत्कालीन चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर के मार्गदर्शन में वर्ष 2022 में जिला जजों का सम्मेलन आयोजित करना और वार्षिक रिपोर्ट जारी करना फिर से शुरू किया था। तब से यह न्यायालय की निरंतर विशेषता रही है।
हाईकोर्ट देश के उन पहले न्यायालयों में से एक बन गया है, जिसने न केवल उपलब्धियों बल्कि चुनौतियों और विफलताओं को भी उजागर करते हुए अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस पहल की न्यायिक पारदर्शिता की दिशा में अद्भुत कदम के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में सराहना की गई।
वार्षिक रिपोर्ट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जस्टिस मिश्रा ने चित्राक्षी जैन और प्रशांत रेड्डी टी द्वारा लिखित इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख का उल्लेख किया। उक्त लेख में लेखकों ने खुद को सार्वजनिक जांच के दायरे में लाने के लिए हाईकोर्ट द्वारा की गई पहल का स्वागत किया।
डॉ. जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्रही ने जिला जजों से जिला न्यायपालिका के समक्ष आने वाली विभिन्न समस्याओं विशेषकर न्यायिक कार्यों में टेक्नोलॉजी को अपनाने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का आह्वान किया। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक पेपर-लेस कोर्ट अपनाने का सवाल है, उड़ीसा हाईकोर्ट ने अग्रणी भूमिका निभाई है।
जस्टिस बिभु प्रसाद राउत्रे ने अधिकारियों को सम्मेलन के एजेंडे से परिचित कराया तथा जिला जजों और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों से चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए चर्चा और विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लेने को कहा। वार्षिक रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष जस्टिस कृष्ण राम महापात्र ने रिपोर्ट के प्रकाशन के लिए रजिस्ट्री के अधिकारियों और अनुसंधान सहायकों सहित विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किए गए योगदान को स्वीकार किया।
चीफ जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) की तरह हाईकोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट वार्षिक सार्वजनिक रिपोर्ट (APR) की तरह कामJudges ConferenceJustice Chakradhari Sharan Singh
दो दिवसीय सम्मेलन में जिला जजों और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों ने ई-पहल, बजट, योजना, व्यय, निरीक्षण, मानदंड, बुनियादी ढांचे आदि जैसे कई विषयों पर विचार-विमर्श किया। दो दिनों तक चले इस सम्मेलन को सात तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया और प्रत्येक तकनीकी सत्र की अध्यक्षता हाईकोर्ट के जजों ने की।