दहेज विवाद के बाद बहू से पालतू कुत्ते की कस्टडी मांगने वाली महिला पर उड़ीसा हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया

Update: 2025-03-27 06:36 GMT
दहेज विवाद के बाद बहू से पालतू कुत्ते की कस्टडी मांगने वाली महिला पर उड़ीसा हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महिला पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिसने अपनी बहू से अपने पालतू कुत्ते की कस्टडी वापस लेने के लिए रिट याचिका दायर की थी।

मामला कथित तौर पर दहेज विवाद से उत्पन्न हुआ जिसमें बहू ने ससुराल वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराई और ससुराल छोड़कर चली गई। इसके बाद ससुराल वालों से दहेज की संपत्ति जब्त कर ली गई। उन संपत्तियों के साथ बहू कथित तौर पर परिवार के पालतू कुत्ते को भी अपने साथ ले गई।

इस तरह की कार्रवाई से व्यथित होकर सास ने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें राज्य को भी विवाद में पक्ष बनाते हुए प्रार्थना की गई कि पालतू कुत्ते की कस्टडी उसे वापस दी जाए।

डॉ जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्रही की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए एडवोकेट ब्योमकेश त्रिपाठी की दलीलें विस्तार से सुनीं। हालांकि कुछ देर बहस करने के बाद उन्होंने शिकायतों के निवारण के लिए उचित प्राधिकारी के पास जाने की स्वतंत्रता के साथ रिट याचिका वापस लेने की अदालत से अनुमति मांगी।

तदनुसार अदालत ने याचिकाकर्ता को उचित प्राधिकारी के पास जाने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दी। लेकिन पीठ याचिका की तुच्छ प्रकृति से नाराज थी, जिससे न्यायिक समय की बर्बादी हुई।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"यह अदालत याचिकाकर्ता पर 1000 रुपये (केवल एक हजार रुपये) का जुर्माना भी लगाती है, क्योंकि उसने अनावश्यक रूप से इस अदालत का बहुमूल्य समय बर्बाद किया। उक्त जुर्माना उड़ीसा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कल्याण कोष के पक्ष में दस दिनों की अवधि के भीतर जमा किया जाना चाहिए।”

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