'न्यायपालिका और महिला IPS अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक इंटरव्यू क्यों किया?' : सुप्रीम कोर्ट ने फेलिक्स जेराल्ड से पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (6 सितंबर) को मद्रास हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त पर रोक लगा दी कि यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड को 'सवुक्कु' शंकर के इंटरव्यू में कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए आपराधिक मामले में जमानत पाने के लिए अपना यूट्यूब चैनल "रेडपिक्स 24x7" बंद करना होगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हाईकोर्ट की शर्त के खिलाफ जेराल्ड द्वारा दायर याचिका पर तमिलनाडु राज्य को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।
हालांकि पीठ ने अंतरिम राहत दी, लेकिन उसने याचिकाकर्ता से न्यायपालिका और महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के प्रकाशन की अनुमति देने के लिए सवाल किया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा,
"आप न्यायपालिका और सभी महिला IPS अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगा रहे हैं। आप इस तरह के इंटरव्यू क्यों करते हैं।"
याचिकाकर्ता के लिए सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने सहमति व्यक्त की कि याचिकाकर्ता को इंटरव्यू नहीं करना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने प्रस्तुत किया कि यूट्यूब चैनल को बंद करने का निर्देश कठोर था।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि याचिकाकर्ता का चैनल 2004 से चल रहा है और उसके 2 मिलियन से अधिक व्यूवर्स हैं। उन्होंने मोहम्मद जुबैर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया, जिसमें याचिकाकर्ता को ट्वीट न करने की जमानत शर्त लगाने से इनकार कर दिया गया था।
जेराल्ड पर सावुक्कु शंकर के साथ-साथ तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 के साथ आईपीसी की धारा 294 (बी) और 506 (1) के तहत दर्ज मामले दर्ज हैं।
केस टाइटल: फेलिक्स जेराल्ड बनाम राज्य | एसएलपी (सीआरएल) नंबर 11762/2024