इंजीनियर राशिद का ट्रायल MP/MLA कोर्ट के बजाय स्पेशल NIA कोर्ट में चल सकता है: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इंजीनियर राशिद एमपी का ट्रायल MP/MLA के लिए स्पेशल कोर्ट के बजाय स्पेशल NIA कोर्ट में चल सकता है।
यह स्पष्टीकरण उस मामले में दिया गया, जिसमें संसद सदस्यों/विधानसभा सदस्यों (MP/MLA) के ट्रायल के लिए स्पेशल कोर्ट की स्थापना के निर्देश जारी किए गए।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्पष्टीकरण मांगा गया,
"हाईकोर्ट यह अधिकृत कर सकता है कि MP/MLA (पूर्व MP/MLA सहित) जो NIA Act जैसे विशेष अधिनियमों में निर्धारित अनुसूचित अपराधों के मुकदमे का सामना कर रहे हैं, उनका ट्रायल MP/MLA के ट्रायल के लिए बनाए गए स्पेशल कोर्ट के बजाय NIA Act की धारा 11 के तहत नामित/गठित स्पेशल कोर्ट द्वारा चलाया जाए। इस प्रकार हाईकोर्ट को इस संबंध में आवश्यक अधिसूचना/कार्यालय आदेश जारी करने में सक्षम बनाया जाए।"
खंडपीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि अभियुक्तों में से एक इंजीनियर राशिद, जो NIA स्पेशल कोर्ट के समक्ष ट्रायल का सामना कर रहे थे, अब संसद का निर्वाचित सदस्य बन ग हैंए। चूंकि 2024 में उसके चुनाव से पहले ही ट्रायल शुरू हो गया था, जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत स्पेशल कोर्ट द्वारा 21 गवाहों की जांच की गई, इसलिए न्यायालय ने ऊपर मांगे गए स्पष्टीकरण को स्वीकार कर लिया। इसने कहा कि स्पष्टीकरण के संबंध में एक आदेश भी जारी किया जाएगा।
कोर्ट ने आगे कहा,
"चूंकि संबंधित संसद सदस्य के खिलाफ मुकदमा उसके चुनाव से पहले ही शुरू हो गया और आज की तारीख तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत गठित विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष द्वारा 21 गवाहों की जांच की गई, हमारे सामने पेश किए गए विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में हम रजिस्ट्रार जनरल द्वारा प्रार्थना के अनुसार स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं। आवेदन की प्रार्थना (ए) के संदर्भ में एक आदेश होगा।"
केस टाइटल: अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूओआई डब्ल्यू.पी. (सी) नंबर 699/2016