EVM Destruction Case : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के विधायक पर मतगणना केंद्र में प्रवेश करने पर रोक लगाई

Update: 2024-06-03 09:14 GMT

आंध्र प्रदेश में मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को नष्ट करने के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मचेरला विधायक पिनेली रामकृष्ण रेड्डी (VSRCP) को संबंधित मतगणना केंद्र और/या उसके आसपास के क्षेत्र में 04.06.2024 (जब मतगणना होगी) को प्रवेश करने से रोक दिया।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ TDP पोलिंग एजेंट-नंबूरी शेषगिरी राव द्वारा रेड्डी के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर विचार कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि रेड्डी और उनके सहयोगियों ने मचेरला में मतदान केंद्र में प्रवेश किया और EVM को नष्ट कर दिया। याचिकाकर्ता ने अन्य बातों के साथ-साथ यह आशंका भी व्यक्त की कि मतदान के दिन हुई कथित घटना मतगणना के दिन यानी 04.06.2024 को दोहराई जा सकती है।

आदेश पारित करते हुए जस्टिस कुमार ने मौखिक रूप से कहा,

"पक्षकारों की ओर से उपस्थित वकीलों को सुनने के बाद हम इस विचार पर पहुंचे हैं कि प्रतिवादी की ओर से उपस्थित सीनियर वकील विकास सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया यह कथन और वचन कि प्रतिवादी (आरोपी) अर्थात् पिनेली रामकृष्ण रेड्डी उस मतगणना केंद्र में प्रवेश नहीं करेंगे, जहां 04.06.2024 को मतों की गिनती होगी या उसके आसपास के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे, याचिकाकर्ता द्वारा व्यक्त की गई आशंका को दूर करने के लिए पर्याप्त होगा। विशेष रूप से, इस पृष्ठभूमि में कि मामला अभी भी क्षेत्राधिकार वाले हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।"

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय का ध्यान कुछ तस्वीरों की ओर आकर्षित किया, जो ECI के वेब-टेलीकास्ट से प्राप्त की गई बताई गई।

उन्होंने न्यायालय के अवलोकन के लिए वीडियो भी प्रस्तुत किया और तर्क दिया,

"वह (रेड्डी) व्यवस्था को कमतर आंक रहे हैं... मौजूदा विधायक मतदान केंद्र पर जाता है, उन्हें नष्ट कर देता है और शिकायत दर्ज की जाती है कि अज्ञात लोगों ने अपराध किया है...जब तक हाईकोर्ट आदेश पारित नहीं करता, वह फरार है।"

दूसरी ओर, रेड्डी के लिए सीनियर वकील सिंह ने अदालत में पेश किए गए वीडियो पर संदेह जताते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वीडियो में कौन है। हालांकि, पीठ ने उन्हें वह डिवाइस दी जिस पर वीडियो बनाया गया और कहा कि उसमें तस्वीरें भी हैं।

जस्टिस कुमार ने कहा कि वीडियो सोशल मीडिया पर भी घूम रहा है।

हालांकि, सिंह ने कहा कि वीडियो को चुनाव आयोग ने प्रसारित नहीं किया और तस्वीरें आधिकारिक तस्वीरें नहीं हैं।

इसके जवाब में जस्टिस कुमार ने कहा,

"हम एक पल के लिए मान लेंगे और इन तस्वीरों को भी अनदेखा कर देंगे...यह तथ्य कि शिकायतकर्ता का कहना है कि 8 लोगों के बूथ के अंदर घुसने के बाद EVM और VVPAT दोनों को निकाल लिया गया और नष्ट कर दिया गया..."।

इस बिंदु पर, सिंह ने जवाब दिया,

"कौन घुसा, यह मेरा सवाल है"।

जब सीनियर वकील ने इस बात पर जोर देने की कोशिश की कि रेड्डी का नाम दूसरी एफआईआर (10 दिन बाद दर्ज) में आया है, तो जस्टिस कुमार ने कहा,

"शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया स्वीकार किए जाने योग्य हैं"।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए वीडियो को लेकर संदेह के संदर्भ में जस्टिस मेहता ने टिप्पणी की,

"पहली नज़र में यह कोई छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो नहीं है।"

पक्षकारों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने सिंह के वचन को रिकॉर्ड पर लिया और रेड्डी को मतगणना के दिन माचेरला निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र में प्रवेश करने से रोक दिया। न्यायालय ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह रेड्डी को अंतरिम संरक्षण देने के अपने पहले के आदेश से प्रभावित हुए बिना उसके समक्ष लंबित याचिका का निपटारा करे और इसे 06.06.2024 को अपने गुण-दोष के आधार पर सूचीबद्ध करे।

उल्लेखनीय रूप से, न्यायालय ने रेड्डी को अंतरिम संरक्षण देने के हाईकोर्ट के निर्णय पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की और इसे "व्यवस्था का मज़ाक" बताया।

पीठ हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए इच्छुक थी, जब जस्टिस मेहता ने टिप्पणी की,

"इसे उदाहरण के रूप में रहने दें।"

हालांकि बाद में सिंह ने न्यायालय को अवगत कराया कि रेड्डी से जुड़े अन्य मामले भी हैं, जिनकी अपील नहीं की गई। उन्होंने वचन दिया कि रेड्डी मतगणना के दिन मतगणना केंद्र में प्रवेश नहीं करेंगे।

रेड्डी को हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम सुरक्षा की राहत 5 जून को समाप्त हो रही है।

केस टाइटल: शेषगिरी राव नम्बूरी बनाम पिनेली रामकृष्ण रेड्डी और अन्य, डायरी नंबर 25204-2024 (और संबंधित मामला)

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