पंजाब एंड हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा परीक्षा 2024 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

Update: 2024-07-19 11:01 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा परीक्षा 2023-24 के लिए अपनाई गई चयन एवं अंकन प्रक्रिया को चुनौती देने पर विचार करने पर सहमति जताई।

याचिकाकर्ता ने 2023-24 के लिए मुख्य (लिखित) परीक्षा में अपनाई गई संपूर्ण चयन एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती दी। याचिकाकर्ता ने अभ्यर्थियों के उत्तरों में मनमाने अंकन का आरोप लगाया।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया और अगले शुक्रवार (26 जुलाई) को सुनवाई तय की।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि 549 अभ्यर्थियों (पंजाब के लिए 297 और हरियाणा के लिए 252) में से केवल 10 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और 5 का अंतिम रूप से चयन किया गया।

"कट ऑफ 40% था, लेकिन अंकन देखिए! दो या तीन उदाहरण ही काफी होंगे। जहां उत्तर 100% सही है और उसे 100% अंक दिए जाने चाहिए, फिर भी उसे 2/10, 3/15 और इसी तरह दिए गए।"

"एक उम्मीदवार जो (पंजाब और हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में) उत्तीर्ण नहीं हुआ, उसने दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में टॉप किया। उसने सिविल लॉ परीक्षा I और सिविल लॉ परीक्षा II में दोगुने अंक प्राप्त किए। हालांकि यह अधिक कठिन परीक्षा है, क्योंकि इसमें शामिल विषयों की संख्या पंजाब और हरियाणा में शामिल विषयों की संख्या से बहुत अधिक है। इसके बावजूद, उसे (पंजाब और हरियाणा परीक्षा में) लगभग आधे अंक दिए गए।"

गौरतलब है कि पंजाब सुपीरियर न्यायिक सेवा के कैडर में 21 रिक्तियों और हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा के कैडर में 25 रिक्तियों को भरने के लिए परीक्षा आयोजित की गई। 46 रिक्तियों के विरुद्ध केवल 5 उम्मीदवारों का चयन किया गया।

भूषण ने मलिक मज़हर सुल्तान (3) बनाम यूपी लोक सेवा आयोग में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भरोसा किया, जहां न्यायालय ने निर्दिष्ट किया कि उपलब्ध रिक्तियों का सफल उम्मीदवारों के लिए 1:3 का अनुपात बनाए रखा जाना चाहिए। उसी अनुपात को लागू करते हुए याचिका में कहा गया कि 46 रिक्तियों के लिए कुल 138 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था (पंजाब न्यायिक सेवाओं के लिए 63 और हरियाणा न्यायिक सेवाओं के लिए 75)।

इसके अतिरिक्त, इसमें उल्लेख किया गया कि अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग ए, ईडब्ल्यूएस, पीडब्ल्यूडी या भूतपूर्व सैनिकों के तहत आरक्षित श्रेणियों के लिए कोई भी रिक्ति दोनों राज्यों में नहीं भरी गई।

"तदनुसार, 46 रिक्तियों के लिए, जिनके लिए 138 उम्मीदवारों (कुल रिक्तियों की संख्या का 3 गुना) को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था, केवल 10 उम्मीदवारों को मुख्य लिखित परीक्षा-2024 के तहत पात्र माना गया। यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि दोनों राज्यों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग ए, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, विकलांग श्रेणी के व्यक्ति, पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित कोई भी रिक्ति नहीं भरी गई। यह भी उल्लेख करना अनिवार्य है कि उक्त श्रेणियों के केवल दो उम्मीदवार ही सिविल लॉ-I और सिविल लॉ-II के पेपर में न्यूनतम पांच प्रतिशत अंक दिए जाने पर मौखिक परीक्षा के लिए अर्ह होंगे।"

याचिकाकर्ताओं द्वारा मांगी गई मुख्य राहतें हैं- (1) पी एंड एच सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विसेज मुख्य लिखित परीक्षा 2024 के परिणामों को रद्द करने और फिर से भर्ती करने का निर्देश दिया जाए; (2) स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा सभी याचिकाकर्ताओं के मुख्य (लिखित) के सिविल लॉ पेपर I और II का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्देश दिया जाए; (3) प्रणव वर्मा बनाम पी एंड एच हाईकोर्ट में जस्टिस सीकरी समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार परिणामों को संशोधित करने का निर्देश दिया जाए-

1. दिनांक 14.11.2023 और 15.11.2023 के विज्ञापन के अनुसरण में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जिला जज के संवर्ग में सीधी भर्ती के लिए आयोजित पंजाब/हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा मुख्य लिखित परीक्षा-2024 के दिनांक 02.05.2024 के परिणाम रद्द करने के लिए रिट, आदेश या निर्देश जारी करें।

2. मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी याचिकाकर्ताओं की मुख्य (लिखित) परीक्षा के सिविल लॉ पेपर-I और सिविल लॉ पेपर II का स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा पुनर्मूल्यांकन करने के लिए रिट, आदेश या निर्देश जारी करें।

3. प्रणव वर्मा बनाम पी एंड एच हाईकोर्ट (2020 15 एससीसी 377) के निर्णय में जस्टिस सीकरी समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार उक्त मुख्य परीक्षा के परिणाम को संशोधित करने के लिए रिट, आदेश या निर्देश जारी करें, जिसमें मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों को बोनस अंक प्रदान किए जाएं, जिससे रिक्तियों के तीन गुना उम्मीदवारों को मलिक मजहर सुल्तान (3) बनाम यू.पी. लोक सेवा आयोग, (2008) 17 एससीसी 703 में इस माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार इंटरव्यू के लिए बुलाया जाए।

4. कोई अन्य आदेश पारित करें जैसा कि यह माननीय न्यायालय उचित समझे।

अब मामले की सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

केस टाइटल: हरजिंदर कुमारी बनाम पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल डब्ल्यू.पी. (सी) नंबर 000452/2024

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