कथित आदिवासी विरोधी टिप्पणियां करने के मामले में सुधीर चौधरी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 मार्च) को आज तक टीवी चैनल के एडवाइसर एडिटर सुधीर चौधरी को झारखंड पुलिस द्वारा आदिवासी समुदाय के खिलाफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी के बाद की गई कथित टिप्पणियों पर दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने चौधरी द्वारा तीन सप्ताह के भीतर वापस करने योग्य याचिका पर नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि रांची द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर इस बीच पुलिस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।
झारखंड हाईकोर्ट द्वारा उनके खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दायर की और उनकी याचिका अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया SC/ST Act के तहत कोई अपराध नहीं बनता है।
आदिवासी सेना द्वारा दायर शिकायत पर SC/ST Act की धारा 3(1)(आर), 3(1)(एस) और 3(1)(यू) के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
केस टाइटल: सुधीर चौधरी बनाम झारखंड राज्य एसएलपी (सीआरएल) नंबर 3525/2024