सुप्रीम कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे को अग्रिम जमानत दी

Update: 2024-05-06 07:07 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 मई) को गैंगस्टर से नेता बने लेफ्टिनेंट मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दी। उन पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ जिला मऊ प्रशासन को धमकी दी और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया।

अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

मामले के तथ्य यह हैं कि मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अब्बास अंसारी, उमर अब्बास अंसारी (वर्तमान अपीलकर्ता), आयोजक मंसूर अहमद अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उनके खिलाफ आरोप है कि 03.03.2022 को अपीलकर्ता सहित आरोपियों ने जिला मऊ प्रशासन को धमकी दी और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। एफआईआर आईपीसी की धारा 171-एफ, 186, 189, 153-ए, 120-बी और 506 के तहत दर्ज की गई।

इससे पहले 25.01.2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी।

मामले जब सुनवाई के लिए आया तो यूपी राज्य की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद पेश हुईं। अंसारी को अग्रिम जमानत दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने अंसारी के आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 150 अज्ञात लोगों की भीड़ सहित अन्य आरोपियों के साथ मऊ के जिला प्रशासन को धमकी दी और 2022 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया।

इसके विपरीत, अंसारी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के भाई (अबास अंसारी) द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए भाषण के कारण याचिकाकर्ता/उमर अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उन्होंने आगे बताया कि भाषण देने वाले व्यक्ति (अबास अंसारी) और अन्य सह-आरोपी को नियमित जमानत दी गई।

दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने अंसारी को अग्रिम जमानत देने की इच्छा जताई, जबकि यह देखते हुए कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मुकदमे में फैसले के अधीन हैं।

अंसारी को जांच में सहयोग करने और जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसियों के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया।

इसके अलावा, अदालत ने निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिति में अंसारी को 20,000/- रुपये का जमानत बांड भरने के बाद जमानत पर रिहा किया जाएगा।

केस टाइटल: उमर अंसारी बनाम यूपी राज्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 819/2024

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