सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी मेडिकल और जांच रिपोर्ट उनके बेटे उमर अंसारी को मुहैया कराने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी मेडिकल और जांच रिपोर्ट की प्रतियां उनके बेटे उमर अंसारी को मुहैया कराने को कहा।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ के समक्ष यह मामला था, जिसने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (उमर अंसारी की ओर से) की दलील सुनने के बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज (यूपी की ओर से) से मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी सभी प्रासंगिक रिपोर्टों की प्रतियां याचिकाकर्ता को मुहैया कराने को कहा।
यूपी सरकार को जरूरी कार्रवाई करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया।
संक्षेप में, मौजूदा याचिका उमर अंसारी ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता मुख्तार अंसारी को यूपी के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी, क्योंकि उन्हें हिरासत में रहने के दौरान उनके पिता को नुकसान पहुंचने की आशंका थी।
मार्च, 2024 में मुख्तार अंसारी की कथित तौर पर यूपी जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई, जहां उन्हें रखा गया था। जुलाई में उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि उनके पिता को जेल में जहर दिया गया और जरूरी इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई।
सुनवाई के दौरान सिब्बल ने बताया कि यूपी राज्य के हलफनामे के मुताबिक मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी मजिस्ट्रेट रिपोर्ट और न्यायिक जांच रिपोर्ट है। लेकिन, उमर अंसारी के पास इसकी कॉपी नहीं है। इसी के मुताबिक कोर्ट ने अपना आदेश पारित किया।
मामले की पृष्ठभूमि
मुख्तार अंसारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता कृष्णानंद राय की हत्या और कई अन्य मामलों में आरोपी थे। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी राज्य द्वारा उन्हें पंजाब की जेल से यूपी की जेल में स्थानांतरित करने के लिए दायर याचिका को अनुमति दी थी। 2023 में उमर अंसारी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत मौजूदा रिट याचिका दायर की, जिसमें मुख्तार अंसारी को यूपी से बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की गई। आरोप लगाया गया कि उनके परिवार के सदस्य राज्य द्वारा उत्पीड़न का लक्ष्य रहे हैं। उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि उनके पिता की जान गंभीर खतरे में है, क्योंकि राज्य प्रतिष्ठान के भीतर लोगों को शामिल करके बांदा जेल में उनकी हत्या करने की साजिश चल रही थी।
याचिका में कहा गया कि हत्या के सभी आरोपियों में से 4 की पहले ही हत्या हो चुकी है। इसमें 1) शाहनवाज, एक विचाराधीन कैदी, जिसकी दिसंबर 2019 में अदालत में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई; 2) अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम, जिनकी अप्रैल 2023 में पुलिस अधिकारियों द्वारा नियमित मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई; (3) मेराज अहमद, मकोका के तहत एक मामले में अंसारी के साथ सह-आरोपी में से एक, जिसकी मई, 2021 में यूपी के चित्रकूट जिला जेल के उच्च सुरक्षा वाले बैरक के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इसके विपरीत यूपी राज्य ने कहा कि जेल में मुख्तार अंसारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
28 मार्च, 2024 को मुख्तार अंसारी की कथित तौर पर आजीवन कारावास की सजा काटते समय हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो गई। उत्तर प्रदेश राज्य ने जवाबी हलफनामे में कहा कि पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों के एक पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि मुख्तार अंसारी की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण हुई।
केस टाइटल: उमर अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, डब्लू.पी.(सीआरएल.) संख्या 629/2023