सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को मीडिएशन के लिए पेश होने को कहा

Update: 2024-08-30 10:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर में मीडिएशन के लिए जाने का निर्देश दिया।

उमर ने तलाक की याचिका दायर करते हुए तर्क दिया कि पायल के साथ उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है।

उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी 01 सितंबर, 1994 को हुई थी। वे वर्ष 2009 से अलग रह रहे हैं। उनके दो बेटे हैं।

उमर ने शोध प्रबंध और क्रूरता के आधार पर फैमिली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने 30 अगस्त, 2016 को तलाक की उनकी याचिका खारिज कर दी, क्योंकि वे यह साबित नहीं कर पाए कि उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है।

उमर ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। दिसंबर 2023 में जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार रखा था।

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि पक्षकार आपस में समझौता कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर में संयुक्त रूप से उपस्थित हो सकते हैं।

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (उमर अब्दुल्ला के लिए) ने कहा कि पक्षकार 15 वर्षों से अलग-अलग रह रहे हैं।

पिछली बार न्यायालय ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर नोटिस जारी किया था और पायल अब्दुल्ला से जवाब मांगा था।

सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान (पायल अब्दुल्ला की ओर से) ने न्यायालय से कहा कि मीडिएशन कम से कम एक बार अवश्य आजमाई जानी चाहिए।

सिब्बल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह मीडिएशन का सहारा ले सकते हैं, लेकिन यह समाधान के लिए है, मेल-मिलाप के लिए नहीं।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को देखते हुए यह आवश्यक नहीं होगा, क्योंकि विवाह का टूटना अपूरणीय है। लेकिन फिर भी वह मीडिएशन के लिए सहमत हो गए।

केस टाइटल: उमर अब्दुल्ला बनाम पायल अब्दुल्ला एसएलपी (सी) संख्या 7427/2024

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