'मेरा बेटा उस कॉलेज में पढ़ता है': सुप्रीम कोर्ट जज ने VIPS चेयरमैन के खिलाफ AAP नेता सत्येन्द्र जैन के मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया

Update: 2024-05-13 09:37 GMT

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा विवेकानन्द इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (VIPS) के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. एससी वत्स के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

जस्टिस खन्ना ने कहा,

"इसे दूसरी पीठ के समक्ष जाना होगा...मेरा बेटा उस कॉलेज में पढ़ता है।"

मामले को 8 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया।

संक्षेप में कहें तो वत्स ने 2020 में दिल्ली के शकूर बस्ती से विधायक के रूप में सत्येन्द्र जैन के चुनाव को चुनौती देते हुए चुनाव याचिका दायर की। उन्होंने मामले में कुछ दस्तावेजों को साबित करने और पेश करने के लिए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को बुलाया। कथित तौर पर इस अधिकारी से सत्येन्द्र जैन द्वारा तलब किए गए रिकॉर्ड से परे मामलों के लिए पूछताछ की मांग की गई।

वत्स द्वारा आपत्तियां उठाई गईं, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार ने बरकरार रखा। व्यथित सत्येन्द्र जैन ने चैम्बर अपील दायर की, लेकिन एकल पीठ ने भी वत्स के पक्ष में फैसला सुनाया। इसमें पाया गया कि वत्स ने अधिकारी को दिल्ली हाईकोर्ट (मूल पक्ष) नियम, 1967 के भाग बी, नियम 3 के तहत बुलाया, यानी गवाह को केवल दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता थी और कोई मौखिक साक्ष्य नहीं देना था।

इस अधिकारी से उसके द्वारा लाये गये आधिकारिक अभिलेखों/दस्तावेजों (जिसके संबंध में उसे तलब किया गया) के संबंध में क्रॉस एक्जामिनेशन की गई। हालांकि, सत्येन्द्र जैन ने कथित तौर पर अपने स्वयं के दस्तावेजों के सेट के साथ उनका सामना करने की कोशिश की।

1967 के नियमों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने कहा,

"केवल इसलिए कि याचिकाकर्ता ने अपने गवाहों की सूची में उक्त अधिकारी को दस्तावेज़ पेश करने और साबित करने के लिए गवाह के रूप में वर्णित किया, उसे गवाह नहीं कहा जा सकता।"

आगे यह नोट किया गया कि जिन दस्तावेजों के संबंध में अधिकारी से सत्येन्द्र जैन द्वारा क्रॉस एक्जामिनेशन की मांग की गई, उन्हें उनके द्वारा उद्धृत किसी अन्य गवाह द्वारा प्रस्तुत और साबित करने की मांग की गई। इस तरह, कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा।

इस आदेश से व्यथित होकर सत्येन्द्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

केस टाइटल: सत्येन्द्र जैन बनाम एस.सी. वत्स और अन्य, डायरी नंबर 52890-2023

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