सुप्रीम कोर्ट ने NAN घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा को अग्रिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा को नागरिक पूर्ति निगम (NAN) घोटाला मामले में अग्रिम जमानत दी।
जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खंडपीठ ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 13 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
संक्षेप में कहें तो यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत आरोपों से जुड़ा है। राज्य का तर्क है कि आयकर विभाग ने पूर्व एडवोकेट जनरल और नागरिक पूर्ति निगम घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के बीच कुछ आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैट बरामद की थीं, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय के साथ शेयर किया गया था।
आरोपों के अनुसार वर्मा ने मुख्य आरोपियों को जमानत दिलाने में मदद की।
पिछले साल नवंबर में सेशन कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जब उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि पिछले साल सरकार बदलने के कारण ही उन्हें परेशान किया जा रहा है।
आगे बताया गया कि मुख्य आरोपी को 2019 में जमानत दी गई और राज्य ने उक्त जमानत आदेशों को चुनौती नहीं दी थी (हालांकि ED ने जमानत देने को चुनौती दी थी)।
21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा याचिका पर नोटिस जारी किया और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से बयान दर्ज किया कि अगली तारीख तक वर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।
केस टाइटल: सतीश चंद्र वर्मा बनाम छत्तीसगढ़ राज्य | एसएलपी (सीआरएल) संख्या 2600/2025