क्या धारा 397 सीआरपीसी के तहत संशोधन डिफ़ॉल्ट जमानत आदेश के खिलाफ़ बनाए रखने योग्य है? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

Update: 2024-06-18 08:11 GMT

सुप्रीम कोर्ट कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार करने के लिए तैयार है कि क्या धारा 167(2) सीआरपीसी के तहत अभियुक्त को डिफ़ॉल्ट जमानत देने वाले आदेश के खिलाफ़ दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 397 के तहत संशोधन बनाए रखने योग्य होगा।

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने इस प्रश्न को तैयार किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कभी विचार नहीं किया।

यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ़ शुरू हुआ। उक्त निर्णय में हाईकोर्ट ने अभियुक्त/याचिकाकर्ता को डिफ़ॉल्ट जमानत देने वाला मजिस्ट्रेट का आदेश खारिज करने वाले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश की पुष्टि की थी।

अभियुक्त का प्राथमिक तर्क यह है कि अभियुक्त को डिफ़ॉल्ट जमानत देने वाले आदेश के खिलाफ़ संशोधन बनाए रखने योग्य नहीं है। अभियुक्त के अनुसार, डिफ़ॉल्ट देने का आदेश अंतरिम आदेश है, जिसके खिलाफ़ धारा 397 सीआरपीसी के तहत कोई संशोधन बनाए रखने योग्य नहीं है।

जबकि, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि अभियुक्त को डिफ़ॉल्ट जमानत देने वाला आदेश अंतरिम आदेश नहीं है, बल्कि अंतिम आदेश है, जिसके विरुद्ध संशोधन स्वीकार्य है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट के निर्णयों पर भरोसा करते हुए अभियोजन पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया कि वैधानिक जमानत देने को अंतरिम आदेश नहीं माना जा सकता। यह आवेदक को जमानत पर रिहा करने का अंतिम आदेश है, क्योंकि जांच पूरी नहीं हो सकी और अभियोजन पक्ष द्वारा 60/90 दिनों की अवधि के भीतर अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी।

इसके बाद अभियुक्त/याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिकाकर्ता (आपराधिक) को पेश किया गया।

याचिकाकर्ता के लिए उपस्थित वकीलों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने विपरीत पक्ष/राज्य को नोटिस जारी किया और अभियोजन पक्ष को अगले आदेश तक अभियुक्त को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया।

हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने उपरोक्त मुद्दे पर यह भी माना कि सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत वैधानिक जमानत आवेदन खारिज करना केवल मध्यवर्ती आदेश के रूप में माना जा सकता है, न कि अंतरिम आदेश के रूप में। इस तरह के आदेश को पुनर्विचार याचिका दायर करके चुनौती दी जा सकती है और सीआरपीसी की धारा 397(2) के तहत प्रतिबंध ऐसे आदेश पर लागू नहीं होगा।

केस टाइटल: अमरजीत सिंह ढिल्लों बनाम राज्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 007983 - / 2024

Tags:    

Similar News