'अगर हम फाइलें नहीं पढ़ेंगे तो मीडिया रिपोर्ट्स हमें प्रभावित कर सकती हैं': सुप्रीम कोर्ट ने जल संकट पर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जल संकट के संबंध में दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई स्थगित की। कोर्ट ने पाया कि याचिका की प्रति में कमियों को ठीक नहीं किया गया।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वेकेशन बेंच ने कहा कि वे पहले फाइलें पढ़ना पसंद करेंगे, जिससे वे मामले की मीडिया कवरेज से प्रभावित न हों।
जस्टिस मिश्रा ने कहा,
"इसे परसों (12 जून) सूचीबद्ध करें, जिससे सभी रिपोर्ट्स आदि रिकॉर्ड में हों। हम भी फाइल पढ़ना चाहते हैं। मीडिया में बहुत सारी रिपोर्टिंग होती है। अगर हम फाइलें नहीं पढ़ेंगे तो मीडिया रिपोर्ट्स हमें प्रभावित कर सकती हैं और यह अच्छी बात नहीं है।"
6 जून को न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार को हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज में 137 क्यूसेक पानी स्थानांतरित करने का निर्देश दिया और हरियाणा सरकार से कहा कि वह हिमाचल प्रदेश से प्राप्त अतिरिक्त पानी को वजीराबाद बैराज के माध्यम से दिल्ली में स्थानांतरित करने में सहायता करे। इसके अलावा न्यायालय ने ऊपरी यमुना नदी बोर्ड को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली को छोड़े जाने वाले पानी की आगे की आपूर्ति के लिए उसके द्वारा किए गए उपायों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
हरियाणा राज्य की ओर से स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने न्यायालय को सूचित किया कि याचिकाकर्ता के वकीलों द्वारा याचिका की प्रति में दोष को दूर नहीं किया गया।
जस्टिस मिश्रा ने दिल्ली सरकार के वकील को चेतावनी दी,
“पिछले सप्ताह दोषों की ओर संकेत किया गया और अभी तक दोषों को दूर नहीं किया गया। आप इस न्यायालय को गुमराह नहीं कर सकते। कार्यालय को यह सत्यापित करने दें कि आपने दोषों को दूर किया और यदि आपने नहीं किया तो याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसे खारिज कर दिया जाएगा।”
दिल्ली सरकार के वकील ने आश्वासन दिया कि दोषों को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
केस टाइटल: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, डायरी नंबर 25504-2024