आरोप नवंबर 2022 में तय किए गए तो साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग अब तक क्यों शुरू नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा

Update: 2024-07-03 06:44 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को ट्रायल कोर्ट से नवंबर 2022 में आरोप तय किए जाने के बावजूद ट्रायल में साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग शुरू नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की वेकेशन बेंच ने कहा,

“हम यह समझने में विफल हैं कि यदि आरोप नवंबर 2022 में तय किए गए तो इस तिथि तक साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग क्यों शुरू नहीं हुई। यह सवाल हाईकोर्ट को विवादित आदेश पारित करते समय पूछना चाहिए था। ट्रायल कोर्ट को इस संबंध में स्पष्टीकरण देना चाहिए।”

याचिकाकर्ता/आरोपी पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक्स एक्ट (NDPS Act) की धारा 8(सी), 22(सी) और 29 के तहत दंडनीय अपराध का आरोप है और वह दो साल और सात महीने से हिरासत में है। याचिकाकर्ता के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने आज तक एक भी गवाह से पूछताछ नहीं की।

याचिकाकर्ता/आरोपी की नियमित जमानत याचिका खारिज करने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने प्रतिवादियों/गुजरात राज्य को नोटिस जारी करने पर सहमति जताई। साथ ही न्यायालय ने रजिस्ट्री को संबंधित ट्रायल कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया कि इस तिथि तक ट्रायल क्यों शुरू नहीं हुआ।

केस टाइटल: प्रवीण कुमार बलवंतराम वाना (बिस्नोई) बनाम गुजरात राज्य

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