BREAKING | दिल्ली हाईकोर्ट ने PM Modi को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज की

Update: 2024-04-29 10:16 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को हिंदू और सिख देवी-देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए वोट मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

यह याचिका पेशे से वकील आनंद एस जोंधले ने दायर की थी।

जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि याचिका पूरी तरह से गलत है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने माना है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। हालांकि, "इस अदालत के लिए किसी भी शिकायत पर विशेष दृष्टिकोण अपनाने के लिए ECI को निर्देश देना स्वीकार्य नहीं है।"

अदालत ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) की ओर से पेश एडवोकेट सिद्धांत कुमार की दलील को भी दर्ज किया कि आयोग कानून के अनुसार जोंधले की शिकायत पर गौर करेगा।

आयोग की ओर से पेश हुए कुमार ने कहा,

“यह 21 अप्रैल का भाषण है, जो उनके प्रतिनिधित्व के बाद का है। ECI को दैनिक आधार पर ऐसी शिकायतें मिलती हैं... उन्होंने अभ्यावेदन दाखिल किया और हम इस पर कार्रवाई करेंगे। आयोग एक संवैधानिक संस्था है।''

जोंधले ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने के लिए ECI को निर्देश देने की मांग की। उन्हें "धार्मिक देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर" वोट मांगने से रोकने के लिए एक और निर्देश मांगा गया।

याचिकाकर्ता पीएम मोदी के 09 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में दिये गये भाषण से व्यथित था।

जोंधले ने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री ने न केवल हिंदू और सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि "मुसलमानों का पक्ष लेने वाले विरोधी राजनीतिक दलों" के खिलाफ भी टिप्पणियां कीं।

जोंधले की ECI से की गई शिकायत में कहा गया कि पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर का निर्माण किया, करतारपुर साहिब कॉरिडोर विकसित किया और अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां वापस लाए।

याचिका में कहा गया कि निष्पक्ष चुनाव के हित में चुनाव आयोग की ओर से प्रधानमंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करना समीचीन है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख बहुत तेजी से नजदीक आ रही है।

याचिका में कहा गया,

"याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि प्रतिवादी नंबर 2 (प्रधानमंत्री मोदी) भारत सरकार के विमानों और हेलीकॉप्टरों में यात्रा करते समय पूरे भारत में एक ही तरह का अपमानजनक भाषण देने की फिराक में हैं।"

जोंधले ने कहा कि पीएम के भाषणों में जाति और धर्म के आधार पर मतदाताओं के बीच नफरत पैदा करने की क्षमता है। तदनुसार, वह आदर्श आचार संहिता के अनुसार प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।

यह उनका मामला था कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने के लिए ECI के समक्ष इस महीने की शुरुआत में शिकायत दर्ज की थी।

हालांकि, जोंधले ने आरोप लगाया कि अभी तक इस मामले में चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

केस टाइटल: आनंद एस जोंधले बनाम राजीव कुमार भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य।

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