Delhi Air Pollution| सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू करने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रकों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू न करने के लिए अधिकारियों पर कड़ी फटकार लगाई। यह प्रतिबंध वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP-IV उपायों के तहत लगाया गया था।
कोर्ट ने CAQM को CAQM Act की धारा 14 के तहत उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया, जो निर्देशों को लागू करने में विफल रहे।
जस्टिस एएस ओक और जस्टिस एजी मसीह की बेंच Delhi-NCR में बिगड़ते वायु प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट ने कहा,
“यह स्पष्ट है कि GRAP के चरण 4 के आइटम नंबर 1, 2 और 3 के खिलाफ जिन अधिकारियों का उल्लेख किया गया, उन्होंने खंड 1 - 3 के अनुसार कार्रवाई को लागू करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। कुछ प्रवेश बिंदुओं पर कुछ पुलिस टीमों को तैनात किया गया, वह भी बिना किसी विशेष निर्देश के। वास्तव में न्यायालय आयुक्त की रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकांश प्रवेश बिंदुओं पर पुलिस को इस न्यायालय के 23 नवंबर के आदेश के अनुसार तैनात किया गया। धारा 1-3 के विरुद्ध उल्लिखित अधिकारियों की ओर से गंभीर चूक हुई। इसलिए हम आयोग को CAQM Act की धारा 14 के अनुसार तत्काल कार्रवाई आरंभ करने का निर्देश देते हैं। ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान के अनुसार, जीआरएपी IV के खंड 1-3 को लागू करने के लिए निम्नलिखित अधिकारी जिम्मेदार हैं - खंड 1 और 2 (ट्रक यातायात और एलसीवी के प्रवेश पर प्रतिबंध) - राज्य सरकारें, GNCTD/NCR राज्यों के परिवहन आयुक्त, Delhi-NCR शहरों में शहरी स्थानीय निकायों के आयुक्त/प्रमुख, दिल्ली और NCR शहरों के पुलिस आयुक्त/यातायात पुलिस प्रमुख। धारा 3 (बीएस-4 और उससे नीचे के MGV और HGV के चलने पर प्रतिबंध)- NCR और GNCTD की राज्य सरकारें, GNCTD/NCR राज्यों के परिवहन आयुक्त, दिल्ली और NCR शहरों के पुलिस आयुक्त/यातायात पुलिस प्रमुख।
इससे पहले, न्यायालय ने ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए एंट्री जांच बिंदुओं की निगरानी पर विस्तृत आदेश पारित किया था। न्यायालय ने जांच बिंदुओं की निगरानी का दौरा करने और सर्वेक्षण करने के लिए 13 न्यायालय आयुक्तों को भी नियुक्त किया था।
न्यायालय ने यह भी पुष्टि की कि GRAP के तहत लगाए गए उपायों को चरण 4 से निम्न चरण 2 और 3 में तभी स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी, जब AQI आंकड़ों में संतोषजनक सुधार दिखाया जाएगा।
"अब सवाल यह है कि क्या चरण 4 मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक न्यायालय संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट का रुझान है, हम आयोग को अगले आदेशों तक चरण 3 या चरण 2 में जाने की अनुमति नहीं दे सकते।"
इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने निर्माण गतिविधियों पर वर्तमान प्रतिबंध के दौरान निर्माण श्रमिकों की सहायता के लिए श्रम उपकर निधि जारी करने का निर्देश दिया।
"हम सभी राज्यों को निर्देश देते हैं कि वे निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए श्रम उपकर के रूप में एकत्र की गई धनराशि का उपयोग करें, जिससे निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान उन्हें जीविका प्रदान की जा सके। मूल रूप से सभी राज्य निर्वाह भत्ते की अपेक्षित राशि के भुगतान से संबंधित 24 नवंबर 2021 के आदेश के खंड दो के अनुसार जारी निर्देशों का पालन करेंगे। राज्य सरकारों द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी।"
चेक पोस्ट मानव रहित
न्यायालय को सूचित किया गया कि 83 चेक पोस्टों का सर्वेक्षण किया गया और कई पोस्ट मानव रहित थे। एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने यह भी बताया कि कर्मियों को भी आदेशों की सटीक स्पष्टता नहीं थी।
उन्होंने आगे कहा,
"ट्रकों को यह नहीं पता था कि उन्हें दिल्ली में एंट्री नहीं करना चाहिए।"
जस्टिस ओक ने पूछा,
"18 नवंबर (जिस दिन GRAP IV) के बाद क्या पुलिस को चेकपॉइंट पर स्थायी रूप से तैनात करने का कोई लिखित आदेश था? ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए 13 एंट्री पॉइंट पर तैनात लोगों को सूचित करने के लिए दिल्ली सरकार ने क्या कदम उठाए?"
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि पुलिस को 23 प्रमुख चौकियों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने के आदेश दिए गए। हालांकि, उनके पास फिलहाल आदेश की प्रति नहीं है।
इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए जस्टिस ओक ने कहा,
"सिर्फ 23 पर ही क्यों? यह लापरवाही है कि सिर्फ 23 पॉइंट पर ही ऐसा किया गया। हम आयोग को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के खिलाफ CAQM Act की धारा 14 के तहत मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे।"
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि अभी तक CAQM ने पुलिस को कोई निर्देश नहीं दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि GRAP IV में दिल्ली में ट्रकों के एंट्री पर रोक है, इस तथ्य पर भी बहुत विचार किया जाना चाहिए कि CAQM NCR राज्यों के 28 जिलों को कवर करता है। एक अन्य वकील ने अदालत को बताया कि ट्रक दिल्ली की सीमा के पास आए और माल उतारने के बाद वापस लौट गए। प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबंध को सभी एनसीआर जिलों तक बढ़ाया जाना चाहिए, वकील ने सुझाव दिया क्योंकि दिल्ली की सीमा तक ट्रकों को अनुमति देने से प्रतिबंध का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
दिए गए मुख्य निर्देश
धारा 12(1) के तहत CAQM की शक्तियों को ध्यान में रखते हुए, जिसमें विभिन्न अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय करने के निर्देश जारी करने की शक्ति है कि श्रमिक, दैनिक कर्मचारी आदि की श्रेणी के व्यक्तियों को परेशानी न हो, अदालत ने निर्देश दिया:
"इसलिए हम आयोग को CAQM Act की धारा 12(1) के अनुसार आवश्यक निर्देश जारी करके विभिन्न शमन उपाय करने पर विचार करने का निर्देश देते हैं।"
बेंच ने यह भी दर्ज किया कि वकीलों द्वारा प्रस्तुत चार्ट के अनुसार, 20-24 नवंबर तक दिल्ली में AQI का रुझान 318-419 के बीच है। कोर्ट ने CAQM को अपडेट डेटा पेश करने का निर्देश दिया, जिससे अगली तारीख पर कोर्ट GRAP IV उपायों पर फैसला ले सके।
केस टाइटल- एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया WP (C) 13029/1985