लाइव लोकेशन शेयर करने की जमानत शर्त निजता का उल्लंघन करती है? सुप्रीम कोर्ट ने Google इंडिया से Google PIN की कार्यप्रणाली बताने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ जमानत आदेशों में रखी गई शर्तों के संदर्भ में Google PIN की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए Google इंडिया प्राइवेट को नोटिस जारी किया कि आरोपी को जमानत की अवधि के दौरान जांच अधिकारी के साथ लाइव मोबाइल लोकेशन शेयर करना होगा।
कोर्ट इस मुद्दे की जांच कर रहा है कि क्या ऐसी शर्त निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह मामले में Google इंडिया को प्रतिवादी नहीं बना रहा है और केवल जानकारी प्राप्त करने के लिए उसे नोटिस जारी कर रहा है।
जस्टिस अभय एस ओक और उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने कहा,
"उक्त कंपनी जमानत देने के आदेश में शर्त लगाने के संदर्भ में Google PIN की कार्यप्रणाली को समझाते हुए आवश्यक दस्तावेजों के साथ हलफनामा दायर करेगी। मुद्दा यह है कि क्या ऐसी शर्त निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है।"
खंडपीठ ने यह आदेश भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा यह कहे जाने के बाद पारित किया कि जहां तक Google PIN के काम करने का सवाल है तो Google प्राइवेट लिमिटेड से आवश्यक जानकारी मांगना उचित होगा।
न्यायालय दो मुद्दों पर विचार कर रहा है। पहला, क्या किसी विदेशी आरोपी को संबंधित दूतावास से यह आश्वासन मिलने पर जमानत दी जा सकती है कि आरोपी भारत नहीं छोड़ेगा। दूसरा, क्या यह शर्त लगाई जाए कि आरोपी को जांच अधिकारी के साथ Google PIN लोकेशन शेयर करनी होगी।
हालांकि, कोर्ट ने प्रथम दृष्टया दोनों स्थितियों पर आपत्ति जताई है।