अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती, ED ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

Update: 2024-05-09 12:28 GMT

अरविंद केजरीवाल मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए नया हलफनामा दायर किया।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के कोर्ट के सुझाव का विरोध करते हुए ED ने कहा कि 'चुनाव प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न संवैधानिक अधिकार और यहां तक कि कानूनी अधिकार भी नहीं।' एजेंसी ने यह भी कहा कि राजनेता सामान्य नागरिक से ऊंचे दर्जे का दावा नहीं कर सकता। वह अलग व्यवहार का हकदार नहीं है।

एजेंसी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो। यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपने प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी नहीं दी जा सकती।

ED ने कहा कि चुनाव के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से "मिसाल कायम होगी, जो सभी बेईमान राजनेताओं को चुनाव की आड़ में अपराध करने और जांच से बचने की इजाजत देगी"।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगी। पिछली तारीख (7 मई) को खंडपीठ ने केजरीवाल को इस शर्त पर अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया कि उन्हें कोई आधिकारिक कार्य नहीं करना चाहिए।

केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया और तब से वह हिरासत में हैं।

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