राजस्थान हाईकोर्ट ने 2012 से प्रैक्टिस कर रहे एक वकील की याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2025-09-05 13:23 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से उस मामले में जवाब मांगा, जिसमें 13 साल से प्रैक्टिस कर रहे वकील ने आरोप लगाया कि 2012 में अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करने के बावजूद, निर्धारित समय सीमा के भीतर AIBE परीक्षा पास न करने के कारण उन्हें प्रैक्टिस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया गया।

याचिकाकर्ता का कहना था कि वह एक नियमित रूप से प्रैक्टिस करने वाले वकील और बार के सक्रिय सदस्य हैं। उन्हें अक्टूबर, 2012 में नामांकन प्रमाणपत्र जारी किया गया। उन्होंने 2012 में AIBE परीक्षा पास कर ली, जिसके बाद उन्हें नामांकन संख्या आवंटित की गई।

हालांकि, 2022 में BCI द्वारा जारी की गई सूची में उनका नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में आने के बजाय उन वकीलों की सूची में आ गया, जिन्होंने AIBE नियम 2010 के अनुसार निर्धारित समय के भीतर AIBE परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की, जिसके अनुसार प्रैक्टिस सर्टिफिकेट जारी करने से पहले परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य था।

इसके बाद 2025 में प्रकाशित एक पत्र के अनुसार, याचिकाकर्ता को प्रैक्टिस सर्टिफिकेट जारी करने से इनकार कर दिया गया। इसलिए याचिका न्यायालय में प्रस्तुत की गई।

इस तर्क पर सुनवाई के बाद जस्टिस समीर जैन ने BCI को नोटिस जारी कर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा।

अदालत ने कहा,

"यह भी निर्देश दिया जाता है कि प्रतिवादी नंबर 2 अगली सुनवाई की तारीख पर संबंधित रिकॉर्ड के साथ मामले की व्याख्या करने के लिए व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित रहें।"

मामले की सुनवाई 9 सितंबर, 2025 के लिए सूचीबद्ध की गई।

Title: Bhagirath Singh Chauhan v Bar Council of India

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