राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निकाय को माउंट आबू के लिए संशोधित क्षेत्रीय मास्टर प्लान 2030 के तहत लंबित निर्माण आवेदनों पर 4 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया
माउंट आबू के लिए संशोधित जोनल मास्टर प्लान 2030 के 11 दिसंबर, 2024 की अधिसूचना द्वारा प्रकाशित होने के मद्देनजर, राजस्थान हाईकोर्ट ने संशोधित मास्टर प्लान के तहत माउंट आबू में निर्माण के लिए लंबित आवेदनों को एक सप्ताह के भीतर फिर से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और नगर निगम बोर्ड, माउंट आबू को उसके बाद 4 सप्ताह के भीतर ऐसे आवेदनों पर निर्णय लेने को कहा।
“ऊपर की गई चर्चाओं के मद्देनजर, वर्तमान रिट याचिकाओं का निपटारा इस निर्देश के साथ किया जाता है कि याचिकाकर्ता एक सप्ताह की अवधि के भीतर जोनल मास्टर प्लान-2030 माउंट आबू इको-सेंसिटिव ज़ोन और माउंट आबू में प्रचलित बिल्डिंग बायलॉज़ के प्रावधानों के अनुसार अपनी भूमि के विषयगत टुकड़ों पर निर्माण की अनुमति मांगने के लिए एक उचित आवेदन दायर करें और प्रतिवादी - नगर निगम बोर्ड माउंट आबू उसके बाद चार सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसे आवेदनों पर निर्णय लेगा…”
जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ माउंट आबू के निवासियों द्वारा दायर कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने वहां प्लॉट खरीदे थे और निर्माण की अनुमति के लिए नगर निगम बोर्ड के समक्ष आवेदन दायर किए थे, लेकिन उन्हें इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि राज्य सरकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा 2021 में जारी निर्देशों के अनुसार माउंट आबू के लिए जोनल मास्टर प्लान तैयार करने की प्रक्रिया में है।
याचिकाकर्ताओं का मामला था कि 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, राज्य सरकार द्वारा एनजीटी के निर्देशानुसार जोनल मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया और परिणामस्वरूप निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह प्रस्तुत किया गया था कि न्यायालय ने समय-समय पर राज्य सरकार को मास्टर प्लान तैयार करने में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कई आदेश पारित किए थे।
अतिरिक्त महाधिवक्ता को मामले में प्रगति के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया तथा अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार माउंट आबू के लिए जोनल मास्टर प्लान 11 दिसंबर, 2024 को प्रकाशित किया गया था तथा यह प्रस्तुत किया गया कि इसके मद्देनजर, याचिकाकर्ताओं के निर्माण आवेदनों पर नवीनतम प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाएगा।
प्रस्तुतियों तथा प्रकाशित जोनल मास्टर प्लान 2030 पर विचार करने के पश्चात न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को जोनल मास्टर प्लान 2030 के प्रावधानों के तहत एक सप्ताह के भीतर आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया तथा नगर निगम बोर्ड, माउंट आबू को ऐसे आवेदनों पर ऐसे दाखिल होने के चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
तदनुसार, याचिकाओं का निपटारा कर दिया गया।
केस टाइटल: शैतान सिंह बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य।
साइटेशन: 2024 लाइव लॉ (राजस्थान) 406
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