क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

Update: 2025-11-14 06:24 GMT

आपराधिक मामले के लम्बित रहने पर भी दस वर्ष के लिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय की बिना अनुमति के आरोपी के विदेश जाने पर विचारण न्यायालय जमानत के संबंध में समुचित आदेश पारित कर सकता है, लेकिन पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं कर सकता।

डीडवाना निवासी रहीस खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट के आरोप में आपराधिक प्रकरण संस्थित हुआ था, जिसका विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, डीडवाना के समक्ष चल रहा है। जिसमें वर्ष 2019 में सेशन न्यायालय ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था।

इसके बाद आरोपी मजदूरी करने के लिए विदेश चला गया। उसके विदेश में रहने के दौरान ही पासपोर्ट की वैधता अवधि समाप्त हो गई। पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए विचारण न्यायालय से अनुमति प्राप्त करने के लिए पेश किया गया प्रार्थना-पत्र इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि प्रार्थी न्यायालय की अनुमति के बिना भारत छोड़कर बाहर चला गया है। इसलिए पासपोर्ट नवीनीकरण का आदेश नहीं दिया जा सकता।

भारत लौटने में बाधा उत्पन्न करना अजीब और अतार्किक

एडवोकेट हैदर ने तर्क दिया कि आरोपी भारत लौटकर विचारण न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर विचारण में उपस्थित होना चाहता है। विचारण न्यायालय द्वारा पासपोर्ट नवीनीकरण के आदेश से इनकार करने के कारण उसका भारत लौटना संभव नहीं है। विचारण न्यायालय द्वारा आरोपी के भारत लौटने में सहयोग करने के बजाय बाधा उत्पन्न करना, न केवल अजीब और अतार्किक है, बल्कि उसके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी हनन है।

ट्रायल कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट भी हैरान

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि याची बिना न्यायालय की अनुमति के विदेश चला गया तो इस संबंध में समुचित आदेश जमानत के संबंध में किया जा सकता है। याची जिस पासपोर्ट से विदेश गया है, उस पासपोर्ट के नवीनीकरण के बगैर वह ट्रायल कोर्ट में उपस्थित भी नहीं हो सकता, जिससे अग्रिम कार्यवाही ट्रायल कोर्ट भी करने में सक्षम नहीं है।

इस आधार पर कि बिना अनुमति विदेश चला गया, पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार किया जाना विधिसम्मत नहीं है। पासपोर्ट नवीनीकरण के पश्चात विदेश से भारत आने पर नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए ट्रायल कोर्ट स्वतंत्र है। ऐसी अवस्था में पासपोर्ट नवीनीकरण का आवेदन पत्र स्वीकार कर फौजदारी प्रकरण लम्बित होने के बावजूद दस वर्ष की अवधि के लिए पासपोर्ट नवीनीकृत करने की अनुमति प्रदान की जाती है।

लेखक- एडवोकेट रज़ाक ख़ान हैदर@लाइवलॉ.कॉम

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