बरामदगी के बजाय पुलिस स्टेशन में तैयार किए जाने पर जब्ती ज्ञापन की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के प्रयास और NDPS Act के तहत गिरफ्तार आरोपी को जमानत दी। मामले में कहा गया कि जब्ती ज्ञापन की विश्वसनीयता तब खत्म हो जाती है, जब इसे उसी स्थान पर तैयार नहीं किया जाता, जहां से बरामदगी की गई थी बल्कि पुलिस इसे तैयार करने के लिए थाने ले जाती है।
जस्टिस फरजंद अली की पीठ आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पुलिस ने आरोपी के वाहन को रोका था जिसमें कुछ मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री बरामद की गई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यायालय ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि क्रॉस एक्जामिनेशन के दौरान जब्ती अधिकारी ने उल्लेख किया कि जब्ती ज्ञापन वसूली ज्ञापन आदि सहित सभी ज्ञापन पुलिस थाने में तैयार किए गए। न्यायालय ने इस तथ्य को अभियोजन पक्ष के मामले पर एक दाग लगाने वाला तथ्य माना, क्योंकि कानून के अनुसार वसूली ज्ञापन उसी स्थान पर तैयार किया जाना चाहिए, जहां से बरामदगी की गई।
कोर्ट ने कहा,
“उपरोक्त गवाहों द्वारा किए गए स्वीकारोक्ति ने अभियोजन पक्ष की कहानी पर गंभीर दाग लगाया कि पुलिस ने एक वाहन को एक विशेष स्थान और समय पर रोका और उसमें से कुछ मात्रा में प्रतिबंधित सामान बरामद किया गया। तलाशी और प्रतिबंधित सामान की जब्ती को सही ठहराने के लिए जब्ती अधिकारी से अपराध स्थल पर ज्ञापन तैयार करने की अपेक्षा की गई। कानून के अनुसार, यदि किसी निश्चित समय पर किसी विशेष स्थान पर कोई वस्तु बरामद की जाती है तो गवाहों और अभियुक्तों की उपस्थिति में उसी स्थान पर ज्ञापन तैयार किया जाना चाहिए।”
न्यायालय ने कमलेश कुमार बनाम भारत संघ के मामले का संदर्भ दिया, जिसमें तलाशी और जब्ती उस स्थान पर नहीं की गई थी जहां वाहन को रोका गया और ऐसा करने के लिए कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया। यह माना गया कि जब्ती की पवित्रता अत्यधिक संदिग्ध थी, जिससे ऐसा लगता है कि वसूली ज्ञापन को जब भी सुविधा हो केवल कागजी औपचारिकता के रूप में तैयार किया जा सकता है।
न्यायालय ने आगे फैसला सुनाया कि यदि किसी विशेष स्थान से और किसी विशेष समय पर कोई आपत्तिजनक सामग्री एकत्र या बरामद की गई तो जब्ती वसूली ज्ञापन उसी स्थान पर और वह भी उसी इलाके के गवाहों की उपस्थिति में तैयार किया जाना चाहिए था। थोड़ा विचलन या विचलन की अनुमति दी जा सकती है लेकिन यह अनुमति नहीं दी जा सकती कि बरामदगी के बाद पुलिस सामग्री को दूर स्थित पुलिस स्टेशन ले जाए और वहां जब्ती ज्ञापन तैयार करे।
कोर्ट ने कहा,
“उस स्थिति में शुद्धता, मौलिकता, वास्तविकता और सद्गुणता खो जाएगी। साथ ही जब्ती के तथ्य की निष्पक्षता और वास्तविकता के बारे में गंभीर संदेह होगा।”
इस पृष्ठभूमि मे न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
केस टाइटल- मेजर सिंह बनाम राजस्थान राज्य