वैक्सीनेटर नर्स नहीं, काम और जिम्मेदारियाँ अलग: राजस्थान हाईकोर्ट ने नियुक्ति की याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने उन उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने नर्स ग्रेड-II पद पर नियुक्ति का दावा अपने टीकाकरण (Vaccinator) के अनुभव के आधार पर किया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोनों पद अलग-अलग हैं और इनके कार्य व जिम्मेदारियाँ भिन्न हैं।
याचिकाकर्ताओं ने नर्स ग्रेड-II की भर्ती में बोनस अंक देने की मांग की थी। यह बोनस अंक उन अभ्यर्थियों को दिए जाते हैं जिनके पास विज्ञापित पद के समान प्रकृति के कार्य का अनुभव प्रमाणपत्र होता है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसके पास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र है, जिसमें 2009 से 2013 के बीच दो वर्ष तक वैक्सीनेटर के रूप में काम करने का अनुभव दर्शाया गया है। उसने दावा किया कि इस अनुभव के आधार पर नर्स ग्रेड-II भर्ती में बोनस अंक मिलने चाहिए।
जस्टिस आनंद शर्मा ने भर्ती के विज्ञापन का अवलोकन किया और कहा कि उसकी शर्तें स्पष्ट हैं। कोर्ट ने कहा कि यद्यपि राज्य सरकार की किसी योजना/परियोजना में कार्य अनुभव होने पर बोनस अंक देने का प्रावधान है, लेकिन यह केवल ऐसे कार्य के लिए है जिसकी प्रकृति विज्ञापित पद से मेल खाती हो।
कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता ने वैक्सीनेटर के रूप में काम किया है, जो पूरी तरह से अलग पद है और जिसकी जिम्मेदारियाँ व कार्य प्रकृति नर्स ग्रेड-II से अलग हैं। अतः केवल वैक्सीनेटर के अनुभव के आधार पर वह बोनस अंक पाने का हकदार नहीं है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार बहुत सीमित है और वह अलग-अलग पदों के कार्यों की समानता तय नहीं कर सकता। याचिकाकर्ताओं ने यह दिखाने के लिए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया कि नर्स ग्रेड-II और वैक्सीनेटर की जिम्मेदारियाँ समान हैं।
अतः याचिका खारिज कर दी गई।