पंजाब स्कूल बोर्ड के ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए सर्टिफिकेट में जेंडर परिवर्तन के लिए नीति बनाने की मांग करने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति नियम, 2020 के प्रावधानों के अनुरूप ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पंजाब बोर्ड परीक्षा सर्टिफिकेट में जेंडर परिवर्तन के लिए नीति बनाने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव, सामाजिक सुरक्षा विभाग, पंजाब के सचिव, भारत संघ और उन स्कूलों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया, जहां याचिकाकर्ता ने पढ़ाई की है।
यह याचिका ट्रांसजेंडर महिला प्रिया ने दायर की, जिसका जन्म के समय जेंडर पुरुष के रूप में दर्ज किया गया था। इसलिए स्कूल बोर्ड के प्रमाणपत्रों में उसका लिंग "पुरुष" लिखा गया।
उसका मामला यह है कि बड़े होने के दौरान उसने खुद को ट्रांसजेंडर महिला के रूप में पहचाना और 2022 में जालंधर के जिला मजिस्ट्रेट से ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र और पहचान पत्र प्राप्त किया।
याचिका में कहा गया कि प्रिया ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट में अपना जेंडर बदलने के लिए आवेदन किया लेकिन उसे अखबार में इसे प्रकाशित करने और हलफनामा निष्पादित करने के लिए कहा गया।
अखबारों में इसे प्रकाशित करने के बाद उसने नगर निगम जालंधर से संपर्क किया और अधिकारियों ने ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट के आधार पर जेंडर बदलने में असहायता व्यक्त की।
उसने प्रस्तुत किया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने उससे दस्तावेजों की सूची मांगी, लेकिन उसका ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र सूची में नहीं था। अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उसे अपमानित और उपहासित किया गया।
याचिका में बोर्ड के निर्देशों को रद्द करने के निर्देश मांगे गए, जहां जेंडर बदलने की आवश्यकताएं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ के फैसले के विपरीत थीं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्व-पहचान और जेंडर तय करने के अधिकार और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 7 (3) को मान्यता दी थी।
इसमें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 8 के अनुपालन में उनके साथ भेदभाव न करने के निर्देश देने की भी प्रार्थना की गई।
मामला आगे के विचार के लिए 01 जनवरी, 2025 के लिए सूचीबद्ध है।
केस टाइटल- प्रिया उर्फ गौरव बनाम पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, और अन्य।