पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने POCSO मामले में न्यूज़ एंकर सैयद सोहेल के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट खारिज किया

Update: 2024-12-09 04:52 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुग्राम की निचली अदालत का आदेश खारिज किया, जिसमें टीवी न्यूज़ एंकर एवं पत्रकार मोहम्मद सोहेल (रिपब्लिक भारत के साथ कार्यरत) के खिलाफ 2013 के POCSO मामले में एक दिन अदालत में उपस्थित न होने पर जमानत रद्द कर दी गई तथा गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया।

जस्टिस निधि गुप्ता की पीठ ने उन्हें 12 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले निचली अदालत/ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्मसमर्पण करने तथा नियमित जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि निचली अदालत/ड्यूटी मजिस्ट्रेट याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नए जमानत/जमानत बांड को स्वीकार करके उसी दिन उनकी जमानत याचिका पर विचार करें तथा उसका निपटारा करें।

सोहेल के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट तब जारी किया गया, जब उन्होंने व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी। उन्होंने कहा कि वह चुनाव संबंधी ड्यूटी के लिए कानपुर जा रहे हैं और उसी दिन वापस नहीं आ सकते। हालांकि, गुरुग्राम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की और NBW जारी कर दिया।

हाईकोर्ट के समक्ष सोहेल के वकील ने दलील दी कि वह सभी अदालती सुनवाई में शामिल हो रहे हैं। चूंकि NBW जारी किए जाने वाले दिन वह कानपुर जा रहे थे और कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। इसलिए इन परिस्थितियों में NBW जारी करना अनुचित था।

इसके अलावा यह भी प्रार्थना की गई कि विवादित आदेश खारिज किया जाए और सोहेल को ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी जाए।

हालांकि, शिकायतकर्ता के वकील ने याचिकाकर्ता के अनुरोध का विरोध किया, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि सोहेल नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश हुए।

इन तथ्यों पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने विवादित आदेश खारिज कर दिया और सोहेल को ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने और जमानत के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि आठ मीडियाकर्मी इस मामले का सामना कर रहे हैं। ये हैं: अजीत अंजुम, एंकर सोहेल और रिपोर्टर सुनील दत्त, जो न्यूज24 के साथ काम कर चुके हैं, चीप एडिटर दीपक चौरसिया, एंकर चित्रा त्रिपाठी और राशिद हाशमी, जोधपुर के रिपोर्टर ललित सिंह बड़गुर्जर और इंडिया न्यूज के लिए काम कर चुके प्रोड्यूसर अभिनव राज। इन सभी पर आईपीसी की धारा 120बी, 469 और 471, आईटी एक्ट की धारा 67बी और 67 और POCSO Act की धारा 23 और 13सी के तहत आरोप लगाए गए।

सभी आठ व्यक्तियों पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया, जिसके तहत उन्होंने लगभग 10 वर्ष की नाबालिग लड़की और उसके परिवार का जाली वीडियो तैयार करने पर सहमति जताई, जिसमें पीड़िता और उसके परिवार को अभद्र तरीके से दिखाया गया। उसे न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित किया गया, जिससे पीड़िता और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।

इसके अलावा, उन पर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड (वीडियो क्लिप) को जाली बनाने और संपादित करने का भी आरोप लगाया गया, जिसका उद्देश्य यह था कि जाली दस्तावेज या रिकॉर्ड पीड़िता और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा या यह जानते हुए कि इसका उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाने की संभावना है। इसे संबंधित चैनलों पर प्रसारित किया गया और जाली/संपादित वीडियो क्लिप को समाचार चैनलों पर प्रसारित करके लड़की को अभद्र और अश्लील तरीके से प्रस्तुत किया गया।

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