धोखाधड़ी, धमकी के मामलों में 16 साल से बंद रियल एस्टेट एजेंट को गिरफ्तार न करने पर हाईकोर्ट हैरान

Update: 2024-09-23 05:41 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आपराधिक धमकी और धोखाधड़ी के मामलों में 16 साल से बंद रियल एस्टेट एजेंट जरनैल सिंह बाजवा को गिरफ्तार न करने पर पंजाब पुलिस के उदासीन रवैये की निंदा की।

जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,

"यह न्यायालय कानून प्रवर्तन एजेंसी के चौंकाने वाले दृष्टिकोण को देखकर आश्चर्यचकित है, क्योंकि 02.10.2008 को पुलिस स्टेशन खरड़ में दर्ज एफआईआर भी उनकी गिरफ्तारी के बिना जांच के लिए लंबित है, यानी धारा 323, 452, 506, 148, 149 और 120-बी आईपीसी के तहत अपराधों के लिए अब तक 16 साल से अधिक समय हो चुका है। इसके अलावा एफआईआर नंबर दिनांक 25.07.2017 और एफआईआर नंबर दिनांक 18.08.2017 को पुलिस स्टेशन सिटी खरड़ में दर्ज की गई, उनकी गिरफ्तारी का सात साल से इंतजार है।"

ये टिप्पणियां कुलदीपक मित्तल नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते समय की गईं, जो बाजवा के साथ एक फर्म में भागीदार के रूप में काम कर रहे थे। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जरनैल सिंह को दी गई जमानत को हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर, 2023 के आदेश के तहत रद्द कर दिया। लेकिन अभी तक उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई।

इससे पहले कोर्ट ने आवासीय और कमर्शियल परियोजनाओं में धोखाधड़ी और अनियमितताओं सहित विभिन्न आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज 50 से अधिक एफआईआर की जांच में पंजाब पुलिस के लापरवाह रवैये को लेकर डीजीपी पंजाब को भी तलब किया था।

कोर्ट के गुस्से का सामना करने के बाद पंजाब पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले से संबंधित एफआईआर में बाजवा को गिरफ्तार कर लिया।

वर्तमान कार्यवाही में बाजवा को पिछले आदेश के अनुपालन में व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में पेश किया गया।

जिला एसएएस नगर के एसएसपी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर गौर करते हुए न्यायालय ने कहा,

"अकेले जिला एसएएस नगर में दर्ज 20 एफआईआर में जांच पूरी करने के लिए समय-सीमा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।"

जज ने शपथ-पत्र के माध्यम से कुर्क की गई संपत्ति के विवरण पर भी ध्यान दिया उन्होंने कहा कि बाजवा ने चल संपत्तियों का पूरा विवरण प्रस्तुत नहीं किया, जिसमें निश्चित रूप से बैंक खाते का विवरण और सावधि जमा पॉलिसियां ​​आदि शामिल होनी चाहिए, जिसमें उन्होंने सैकड़ों घर चाहने वालों को ठगने के बाद अर्जित धन का निवेश किया हो सकता है।

इस पर बाजवा की ओर से पेश सीनियर वकील ने प्रस्तुत किया कि संपत्ति का पूरा विवरण अगली तारीख को न्यायालय के समक्ष दाखिल किया जाएगा।

याचिका की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने बाजवा को निर्देश दिया कि वे न्यायालय में दाखिल 20.09.2024 के हलफनामे में वर्णित किसी भी संपत्ति को अगले आदेश तक हस्तांतरित, विक्रय या निपटान न करें।

मामले को आगे के विचार के लिए 25 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया।

केस टाइटल- कुलदीपक मित्तल बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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