'कानून के नियमों का पालन करें', हाईकोर्ट ने रोहतक नगर निगम को सार्वजनिक भूमि से पूर्व मंत्री की प्रतिमा हटाने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के रोहतक नगर निगम को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के अनुसार कानून के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया, जिसके तहत सार्वजनिक भूमि पर प्रतिमाओं की स्थापना प्रतिबंधित है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ सोनीपत स्टैंड सर्किल के पास स्थापित कृष्ण दास गोयल (रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल के पिता) की प्रतिमा को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह प्रतिमा भारत संघ बनाम गुजरात राज्य और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए बनाई गई।
वर्ष 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक संस्थानों द्वारा अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नीतियां बनाने का निर्देश दिया। हरियाणा राज्य ने फैसले के अनुपालन में एक नीति बनाई। वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, फुटपाथों और अन्य सार्वजनिक उपयोगिताओं पर किसी भी मूर्ति की स्थापना या संरचनाओं के निर्माण की अनुमति न दें।
हरियाणा के रोहतक निवासी देवेंद्र शर्मा ने एडवोकेट निखिल घई के माध्यम से जनहित याचिका दायर की, जिसमें हरियाणा में सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित मूर्तियों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए राज्य को निर्देश देने की मांग की गई।
रोहतक नगर निगम ने भूमि पर स्वर्गीय कृष्ण दास गोयल की मूर्ति की स्थापना को उचित ठहराया। इस बात से इनकार नहीं किया कि यह सार्वजनिक भूमि पर है।
कार्यवाही के दौरान रोहतक के नगर आयुक्त को भारत संघ बनाम गुजरात राज्य और अन्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश से अवगत कराया गया।
पीठ ने कहा कि सार्वजनिक भूमि पर मूर्तियों की स्थापना पर रोक लगाने के निर्देश न केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए, बल्कि विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा भी सार्वजनिक भूमि पर स्थापित की गई मूर्तियों को हटाने के लिए जारी किए गए।
इसमें कहा गया,
"इसके अनुसार, हम प्रतिवादी नंबर 4 - नगर निगम, रोहतक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के नियमों का पालन करने और अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं।"
केस टाइटल: देवेन्द्र शर्मा बनाम हरियाणा राज्य और अन्य