POCSO Case | पत्रकार चित्रा त्रिपाठी ने गुरुग्राम कोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Update: 2024-12-09 09:43 GMT

टीवी न्यूज़ एंकर और पत्रकार चित्रा त्रिपाठी (ABP News) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें गुरुग्राम कोर्ट द्वारा पिछले महीने POCSO Case के सिलसिले में उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश को चुनौती दी गई।

कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करते हुए और कोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट के लिए उनके आवेदन को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया था। पिछले महीने इसी कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।

अपने आदेश में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज अश्विनी कुमार मेहता ने संबंधित SHO को वारंट (30 नवंबर के लिए) निष्पादित करने और वारंट के अधूरे रहने पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया। जब 30 नवंबर को यह वारंट अधूरे रह गए तो कोर्ट ने उनके खिलाफ फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

दोनों गिरफ्तारी वारंटों को चुनौती देते हुए त्रिपाठी ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें तर्क दिया गया कि वह 13 नवंबर को अदालत में पेश होने में असमर्थ थीं। इसलिए उनके वकील ने छूट का अनुरोध किया, जिसमें कहा गया कि वह राज्य चुनावों को कवर करने और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का इंटरव्यू करने के लिए नासिक, महाराष्ट्र की यात्रा कर रही थीं।

हालांकि अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया।

जस्टिस निधि गुप्ता की पीठ ने पिछले हफ्ते उनकी याचिका पर सुनवाई की और आदेश का इंतजार है।

गौरतलब है कि एंकर दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी और अजीत अंजुम, सैयद सोहेल सहित 8 पत्रकारों के खिलाफ इस मामले में पहले ही आरोप तय किए जा चुके हैं, कथित तौर पर एक दस साल की लड़की और उसके परिवार के 'मॉर्फ्ड, संपादित और अश्लील' वीडियो प्रसारित करने और इसे स्वयंभू बाबा आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने के लिए प्रधान संपादक दीपक चौरसिया, एंकर त्रिपाठी और राशिद हाशमी, जोधपुर के रिपोर्टर ललित सिंह बड़गुर्जर और इंडिया न्यूज के लिए काम करने वाले निर्माता अभिनव राज।

इन सभी पर आईपीसी की धारा 120बी, 469 और 471, आईटी एक्ट की धारा 67बी और 67 और POCSO Act की धारा 23 और 13सी के तहत आरोप लगाए गए।

सभी आठ लोगों पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया, जिसमें लगभग 10 साल की नाबालिग लड़की और उसके परिवार का जाली वीडियो तैयार करने के लिए सहमत होना, पीड़िता और उसके परिवार को अभद्र तरीके से दिखाना और उसे समाचार चैनलों पर प्रसारित करना, जिससे पीड़िता और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।

उन पर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड (वीडियो क्लिप) को जाली बनाने और संपादित करने का भी आरोप लगाया गया, जिसका इरादा था कि जाली दस्तावेज या रिकॉर्ड पीड़िता और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा या यह जानते हुए कि इसका उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाने की संभावना है। इसे संबंधित चैनलों पर प्रसारित किया और जाली/संपादित वीडियो क्लिप को समाचार चैनलों पर प्रसारित करके लड़की को अभद्र और अश्लील तरीके से प्रस्तुत किया।

पिछले हफ्ते रिपब्लिक भारत के न्यूज एंकर मोहम्मद सोहेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गुरुग्राम की एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसने जमानत रद्द कर दी थी। उनके खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया था।

अदालत ने उन्हें 12 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले ट्रायल कोर्ट/ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत के लिए आवेदन देने का निर्देश दिया।

Tags:    

Similar News