'इतनी जल्दी क्यों थी?' लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ जेल से टीवी इंटरव्यू के लिए FIR रद्द करने की पंजाब पुलिस की सिफारिश पर हाईकोर्ट

Update: 2024-10-17 06:55 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई द्वारा जेल से कथित तौर पर दिए गए टीवी इंटरव्यू में अपराध और अपराधियों का महिमामंडन करने की जांच कर रही SIT पर इस मामले में FIR रद्द करने की पंजाब पुलिस की सिफारिश के बारे में कोर्ट को सूचित न करने पर हैरानी जताई।

जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने कहा,

"अब हमारे संज्ञान में आया कि 09.10.2024 को JMIC एसएएस नगर के समक्ष निरस्तीकरण रिपोर्ट भी दाखिल की गई। यह जानकर हैरानी होती है कि उक्त रिपोर्ट 15.10.2024 को इस न्यायालय को प्रस्तुत नहीं की गई, जब मामला सुनवाई के लिए आया था।"

न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि पंजाब सरकार के वकील मजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष निरस्तीकरण रिपोर्ट दाखिल करने में जल्दबाजी के संबंध में कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में असमर्थ थे। इसलिए इसने मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। कल ही SIT ने बिश्नोई को हिरासत में लिए जाने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों द्वारा कदाचार लापरवाही और कर्तव्य में लापरवाही के बारे में हलफनामा पेश किया था।

SIT के अनुसार साक्षात्कार उस समय आयोजित किया गया, जब वह खरड़ में पंजाब पुलिस की अपराध जांच एजेंसी (CIA) के परिसर में था। बाद में हाईकोर्ट ने उल्लेख किया कि उस समय तैनात अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार दिया गया।

मामले को 28 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने SIT प्रमुख को जांच रिपोर्ट की कॉपी तत्काल दाखिल करने तथा इसकी कॉपी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एमिकस क्यूरी तथा पंजाब एवं हरियाणा राज्यों के वकील को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

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