[Bihar Prohibition & Excise Act 2016] वाहन की नीलामी करना अनुचित, उसमें से शराब की मात्रा बहुत कम पाई गई: हाईकोर्ट

Update: 2024-09-27 08:21 GMT

पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार (26 सितंबर) को वाहन से केवल 1 लीटर देशी शराब बरामद होने के कारण वाहन को नीलाम करने के लिए जब्ती प्राधिकारी की कार्रवाई को कठोर और अनुचित बताया।

यह बिल्कुल स्पष्ट है कि 1 लीटर देशी शराब की मामूली मात्रा बरामद हुई है। वाहन को 1.50 लाख रुपये में नीलाम किया गया।

जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस आलोक कुमार पांडे की पीठ ने कहा,

"3,25,000/- का जुर्माना लगाया जाना अपराध के अनुपात में बिल्कुल भी उचित नहीं है। इस न्यायालय के संज्ञान में 1 लीटर देशी शराब की अल्प मात्रा की बरामदगी के लिए कठोर दंड लगाने की अनुमति नहीं है।"

साथ ही न्यायालय ने नीलामी की गई गाड़ी से शराब की उक्त बरामदगी के एवज में 1,01,927 रुपये का जुर्माना लगाने पर भी आपत्ति जताई, जिसे नीलामी की बिक्री के मूल्य यानी 3,25,000 रुपये से काट लिया गया था।

न्यायालय ने कहा,

"इस तरह का अनुपातहीन जुर्माना लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जुर्माना लगाना 1 लीटर देशी शराब की बरामदगी के संबंध में किए गए अपराध के अनुरूप भी नहीं है।"

इस मामले में वाहन से 1 लीटर देशी शराब की कथित बरामदगी हुई थी। वर्णित तथ्य के आधार पर एफआईआर बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 30(ए) और 37 के तहत मामला दर्ज किया गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि पूरी नीलामी प्रक्रिया याचिकाकर्ता को उचित नोटिस दिए बिना ही पूरी कर दी गई। इस तरह प्रतिवादी प्राधिकारी ने प्राकृतिक न्याय के मूलभूत सिद्धांत का उल्लंघन किया।

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने नीलामी बिक्री राशि से 1,01,927/- रुपये की जुर्माना राशि की कटौती का विरोध किया।

याचिकाकर्ता की याचिका में योग्यता पाते हुए अदालत ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित विवादित निर्णय को बरकरार नहीं रखा जा सकता। इसे रद्द किया जाना चाहिए।

अदालत ने जुर्माना राशि घटाकर 10,000/- रुपये यह देखते हुए की कि 1 लीटर देशी शराब की इतनी कम मात्रा की बरामदगी के लिए 1,01,927 रुपये का जुर्माना लगाना बहुत अधिक और कठोर है।

अदालत ने प्रतिवादी अधिकारियों को 2,000 रुपये की नीलामी राशि जारी करने का आदेश दिया। 10,000/- रुपये जुर्माने की राशि जमा करने की तिथि से छह सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के पक्ष में 3,25,000/- रुपये जमा करने होंगे।

केस टाइटल - अनीता देवी बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

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