सोशल मीडिया पर जजों को भी नहीं बख्शा जा रहा, उनके आदेशों के लिए ट्रोल किया जा रहा: हाईकोर्ट के जज की मौखिक टिप्पणी
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन सेनहतिलकुमार ने सोमवार (5 अक्टूबर) को मौखिक टिप्पणी की कि सोशल मीडिया पर जजों को भी नहीं बख्शा जा रहा और उनके द्वारा पारित आदेशों के लिए अक्सर उन्हें ट्रोल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी जजों के अतीत और उनके परिवारों को भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया जाता है।
जज ने मौखिक टिप्पणी की,
"सोशल मीडिया में किसे बख्शा जा रहा है, जजों को भी ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल व्यक्तिगत रूप से हमारे द्वारा पारित कुछ आदेशों के लिए हमें भी ट्रोल किया जा रहा है। अतीत को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, परिवार के सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।"
गौरतलब है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर जज द्वारा पारित हालिया आदेश की आलोचना करने वाले और उन्हें सत्तारूढ़ राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ने वाले पोस्ट की बाढ़ आ गई।
जज ने आगे कहा कि इन बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि जब कोई सत्ता में आ जाता है तो यह अपरिहार्य हो जाता है।
जज ने टिप्पणी की,
"हमें इस पर बस मुस्कुरा देना चाहिए। इन सब चीज़ों से हमें बचना चाहिए। जब आप समाज में एक मुकाम हासिल कर लेते हैं, चाहे वह राजनीतिक हो, सामाजिक हो या आर्थिक, तो ये सब होना ही है। हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होगी।"
यह टिप्पणी शेफ मधमपट्टी रंगराज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जिसमें सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट जॉय क्रिज़िल्डा को उनके खिलाफ ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से रोकने की मांग की गई, जो उनके व्यक्तित्व अधिकारों का हनन करती हो, जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके चरित्र, निजी जीवन, पेशेवर प्रतिष्ठा या उद्योग में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचे।
रंगराज के स्वामित्व वाली कैटरिंग कंपनी ने भी क्रिज़िल्डा को कंपनी को पक्षों के बीच व्यक्तिगत विवाद से जोड़ने वाले बयान देने से रोकने के लिए एक अलग याचिका दायर की थी। अदालत ने इस याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो रंगराज की ओर से पेश हुए वकील श्रीनाथ श्रीदेवन ने क्रिज़िल्डा के साथ विवाह बंधन में बंधने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह अपने काम के सिलसिले में सेलिब्रिटी स्टाइलिस्ट से जुड़े थे और उनसे परिचित हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब क्रिज़िल्डा ने इंटरव्यू देना शुरू किया और आरोप लगाया कि दोनों विवाहित हैं। वह गर्भवती हैं, तब उनके भरोसे का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि क्रिज़िल्डा ने तर्क दिया कि (कैटरिंग कंपनी द्वारा) यह मुकदमा केवल जांच से बचने के लिए था, यह झूठ है, क्योंकि रंगराज ने जांच में सहयोग किया।
यह भी दलील दी गई कि सोशल मीडिया पोस्ट न केवल रंगराज, बल्कि उनके दो स्कूल जाने वाले बच्चों को भी प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि टिप्पणियां केवल क्रिज़िल्डा द्वारा ही नहीं, बल्कि अन्य सोशल मीडिया हस्तियों द्वारा भी की जा रही हैं, जो रंगराज की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल व्यूज़ हासिल करने और उससे आर्थिक लाभ कमाने के लिए कर रहे हैं।
रंगराज ने अदालत से अंतरिम निषेधाज्ञा का अनुरोध किया यह तर्क देते हुए कि उनके जीवन और व्यवसाय पर असर पड़ रहा है, अदालत ने अंतरिम राहत देने से इनकार किया और प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया।
अब मामले की सुनवाई 22 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई, जहां प्रतिवाद दायर किया जाएगा।