याचिकाकर्ता की योग्यता अनुकंपा नियुक्ति में बाधा नहीं बननी चाहिए: मद्रास हाइकोर्ट

Update: 2024-05-09 11:38 GMT

मद्रास हाइकोर्ट की जस्टिस एल. विक्टोरिया गौरी की सिंगल बेंच ने बी. सरवनन बनाम आयुक्त, आदि द्रविड़ कल्याण आयोग एवं अन्य के मामले में रिट याचिका पर निर्णय लेते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की योग्यता अनुकंपा नियुक्ति में बाधा नहीं बननी चाहिए।

तथ्यों की पृष्ठभूमि

बी. सरवनन (याचिकाकर्ता) के पिता आदि द्रविड़ कल्याण बालक छात्रावास, चिन्नामनूर, थेनी जिले में रसोइए के रूप में काम करते थे जब 10.07.2021 को उनकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता जीवित परिवार के सदस्यों में से एक है। उसने 31.12.2021 और 28.03.2022 को अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हुए दो आवेदन किए।

हालांकि, इन आवेदनों पर विचार नहीं किया गया। इसलिए याचिकाकर्ता ने रिट याचिका दायर कर आयुक्त आदि द्रविड़ कल्याण आयोग (प्रतिवादी) को योग्यता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए विचार करने का निर्देश देने की मांग की।

प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता कुक और चौकीदार के उपलब्ध पदों के लिए अधिक योग्य था। प्रतिवादियों ने आगे तर्क दिया कि जब याचिकाकर्ता की योग्यता से मेल खाने वाले उपयुक्त पद उत्पन्न होते हैं तो उसके मामले पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा प्रतिवादियों ने तीन वरिष्ठता रजिस्टर बनाए रखे और याचिकाकर्ता के मामले की पहले ही सिफारिश की जा चुकी थी, जिसमें प्रत्येक रजिस्टर में उच्च रैंक सूचीबद्ध थे।

न्यायालय के निष्कर्ष

न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता की योग्यता अनुकंपा नियुक्ति में बाधा नहीं बननी चाहिए तथा प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे अभ्यावेदन पर विचार करें। साथ ही जिला आदि द्रविड़ कल्याण विभाग, जिला कलेक्ट्रेट तथा आदि द्रविड़ कल्याण विभाग चेन्नई के निदेशालय द्वारा बनाए गए वरिष्ठता सूची के अनुसार याचिकाकर्ता को उपयुक्त पद पर नियुक्त करें।

उपर्युक्त टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याचिका का निपटारा किया गया।

केस टाइटल: बी. सरवनन बनाम आयुक्त, आदि द्रविड़ कल्याण आयोग एवं अन्य

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