बिना अधिकार क्षेत्र के तलाशी का मामला: मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई, ED से जब्त सामग्री लौटाने को कहा

Update: 2025-06-20 06:10 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता आकाश भास्करन और व्यवसायी विक्रम रविंद्रन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा शुरू की गई सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायालय ने ED को याचिकाकर्ताओं से जब्त सभी सामग्री लौटाने का भी निर्देश दिया।

जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की खंडपीठ ने कहा कि जिस प्राधिकरण के आधार पर ED ने याचिकाकर्ताओं के कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली थी वह प्रथम दृष्टया अधिकार क्षेत्र के बिना था, क्योंकि उनके खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं थी।

न्यायालय ने यह भी कहा कि ED द्वारा प्रस्तुत सामग्री में ऐसी कोई जानकारी नहीं थी, जिसके आधार पर ED ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया हो।

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,

"प्रथम दृष्टया, प्रतिवादियों द्वारा की गई तलाशी और प्राधिकरण पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र के बाहर है, क्योंकि वहां कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं थी। हम जानबूझकर स्पष्ट कारणों से प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत सामग्री का उल्लेख करने से बचते हैं। लेकिन प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत तथाकथित सामग्री में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए कोई सूचना नहीं है।"

हालांकि एएसजी एसवी राजू ने अदालत से 3 सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया, ताकि ED को इसके खिलाफ अपील करने की अनुमति मिल सके, लेकिन अदालत ने अनुरोध को खारिज कर दिया।

ED के विशेष अभियोजक जोहेब हुसैन ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ताओं से जब्त किए गए कुछ फोन की क्लोनिंग अभी बाकी है और उन्होंने अदालत से इसकी अनुमति देने का अनुरोध किया।

हालांकि अदालत ने इस अनुरोध को भी खारिज कर दिया और टिप्पणी की कि इसकी अनुमति देने से उसके आदेश को कमजोर करने जैसा होगा।

पिछली सुनवाई में जब अदालत ने एक विशिष्ट प्रश्न पूछा कि क्या ED के पास तलाशी के समय बंद परिसर को सील करने का अधिकार है तो ED ने स्वीकार किया था कि उसके पास ऐसी शक्तियां नहीं हैं।

ED ने अदालत को यह भी बताया कि वह याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जारी किए गए नोटिस वापस लेने को तैयार है।

केस टाइटल: आकाश भास्करन बनाम संयुक्त निदेशक

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