मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए चार महीने का समय दिया

Update: 2024-06-27 08:20 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को चेन्नई के प्रधान एवं सत्र न्यायालय को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शुरू किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए चार महीने का समय दिया।

इस साल फरवरी में बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस आनंद वेंकटेश ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह तीन महीने में सुनवाई पूरी करे, क्योंकि बालाजी जून 2023 से ही जेल में हैं।

प्रधान सत्र न्यायाधीश द्वारा सुनवाई पूरी करने में असमर्थता जताए जाने के बाद जस्टिस जयचंद्रन ने आज इस समय को चार महीने के लिए बढ़ा दिया।

हाईकोर्ट रजिस्ट्री को पत्र लिखकर न्यायाधीश ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पक्षकार कई याचिकाएं दाखिल कर रहे थे। इस प्रकार निर्धारित समय के भीतर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। इस अनुरोध का विरोध करते हुए बालाजी के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट को सुनवाई पूरी करने के लिए समय निर्धारित न करने का आदेश दिया।

दूसरी ओर ED ने तर्क दिया कि मंत्री सुनवाई में देरी करने के प्रयास में निचली अदालत में याचिकाएं दाखिल कर रहे थे। इस बात से सहमत होते हुए कि आमतौर पर एक ही राहत के लिए बार-बार याचिकाएं दायर करने के कारण देरी होती है, अदालत ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश के अनुरोध पर विचार करने के लिए इच्छुक है। इस प्रकार चार और महीने प्रदान किए। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में जमानत से इनकार को चुनौती देते हुए बालाजी ने तर्क दिया था कि अभियोजन पक्ष ने अभी भी धारा 226 सीआरपीसी के तहत मामले को नहीं खोला है, जैसा कि पूर्वगामी अपराध के संबंध में है। यह भी तर्क दिया गया कि 3 महीने में सुनवाई पूरी करना संभव नहीं था।

जमानत की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बालाजी को 14 जून, 2023 को नौकरी के बदले नकदी घोटाले के धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया और तब से वह जेल में बंद है।

केस टाइटल- सेंथिल बालाजी बनाम उप निदेशक

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